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________________ २. अध्यात्म, स्तवन और भारतीय वाङ्मय-२ निस्संदेह स्तुति आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक महान सेतु है। यह स्तुतियां परमानंद प्राप्त कराने वाले अमोघ अस्त्र हैं। इनके मनन, स्वर गुंजन और लयबद्ध पुनरुच्चारण द्वारा ही शक्ति केंद्रों का जागरण व ऊर्जा केंद्रों का सर्जन होता है। अंतःकरण की शुद्धि और कषाय-कल्पों के बंधन शिथिल पड़ते हैं। अतः स्तुति, वंदना, उपासना, आराधना आदि प्रसंगों में सामूहिक उच्चारण से वातावरण की पवित्रता के साथ 'भावों में भी उत्कृष्टता आती है और प्रेरणा भी मिलती है। इस दृष्टि से आत्म-साधना की प्रणाली को अनुपादेय करना उचित नहीं है। यदि साधक अंतःकरण में परमात्मा का चिंतन करे, उसमें गहरा अवगाहन करे, आत्म कल्याण के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखे और सदाचार में किसी प्रकार की आंच न आने दे तो निश्चित ही उसका अंतःकरण दिव्यभावों से चमत्कृत हो उठेगा। भारतीय संस्कृति में 'स्तुति' शब्द के प्रयोग की सुदीर्घ परंपरा रही है। प्राचीन वाङ्मय में मंत्र, छंद, अर्च, स्तोम, स्तोत्र, उपासना, आराधना, जरा, ऋचा, यजु, साम आदि शब्द स्तुति के पर्याय माने गए हैं। वैदिक, बौद्ध और जैन-तीनों परंपराओं में स्तव और स्तुति-इन दोनों शब्दों का मुक्त रूप में प्रयोग हुआ है। सामान्यतः इन दोनों का अर्थ बहुमान, पूर्ण श्रद्धांजलि, अर्पण करना है। लेकिन, साहित्यशास्त्र में तीन श्लोक तक वाली श्रद्धांजलि को स्तुति और उससे अधिक श्लोक वाली श्रद्धांजलि को स्तव (स्तवन) कहा जाता है। प्राचीन आचार्यों ने इन दोनों में एक भेद रेखा खींचते हुए कहा है-स्तव बड़ा होता है और स्तुति छोटी। पर सामान्यतः दोनों शब्द एकार्थक हैं, एक ही अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। महाभारत एवं गीता में स्तोत्र, स्तव, स्तुति शब्द अनेक स्थलों पर उल्लिखित हैं। श्रीमद्भगवतपुराण में भक्तिरस से परिपूर्ण १३२ स्तुतियां उपन्यस्त हैं।' भगवान महावीर ने स्तव-स्तुति को मंगल कहा है। जैन आगमों में विवर्णित विरत्थुई, महावीरत्थुई, शक्कत्थुई', 'चतुर्विशति स्तव (लोगस्स), संघ स्तुति उपधान श्रुत (आचारांग) अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। जैन परंपरा में आगमों १० / लोगस्स-एक साधना-१
SR No.032418
Book TitleLogassa Ek Sadhna Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyayashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2012
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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