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________________ भगवती सूत्र श. २५ : उ. ५ : सू. २६४-२७२ अनन्त पल्योपम वाले होते हैं। इसी प्रकार यावत् (अनेक) अवसर्पिणियां और (अनेक) उत्सर्पिणीयां भी वक्तव्य हैं। २६५. (अनेक) पुद्गल - परिवर्त. .? पृच्छा । गौतम ! संख्येय पल्योपम वाले नहीं होते, असंख्येय पल्योपम वाले नहीं होते, अनन्त पल्योपम वाले होते हैं । २६६. भन्ते ! क्या (एक) अवसर्पिणी संख्येय सागरोपम वाली होती है ? जैसी पल्योपम की वक्तव्यता है वैसी सागरोपम की वक्तव्यता । २६७. भन्ते ! क्या (एक) पुद्गल परिवर्त (परावर्त) संख्येय अवसर्पिणी - उत्सर्पिणी वाला होता है .....? पृच्छा । गौतम ! संख्येय अवसर्पिणी- उत्सर्पिणियों वाला नहीं होता, असंख्येय अवसर्पिणी - उत्सर्पिणी वाला नहीं होता, अनन्त उवसर्पिणी- उत्सर्पिणियों वाला होता है। इसी प्रकार यावत् सर्वकाल वक्तव्य है । २६८. भन्ते ! क्या ( अनेक) पुद्गल - परिवर्त संख्येय अवसर्पिणी- उत्सर्पिणियों वाले होते हैं.......? पृच्छा। गौतम ! संख्येय अवसर्पिणी- उत्सर्पिणियों वाले नहीं होते, असंख्येय अवसर्पिणी- उत्सर्पिणियों नहीं होते, अनन्त अवसर्पिणी - उत्सर्पिणियों वाले होते हैं। २६९. भन्ते ! क्या अतीत काल में संख्येय पुद्गल - परिवर्त होते हैं....? पृच्छा । गौतम ! संख्येय पुद्गल - परिवर्त नहीं होते, असंख्येय पुद्गल - परिवर्त नहीं होते, अनन्त पुद्गल - परिवर्त होते हैं। इसी प्रकार अनागत-काल भी । इसी प्रकार सर्व काल की वक्तव्य है । २७०. भन्ते ! क्या अनागत-काल में संख्येय अतीतकाल होते हैं ? असंख्येय अतीतकाल होते हैं ? अनन्त अतीतकाल होते हैं? गौतम ! संख्येय अतीत काल नहीं होते, असंख्येय अतीत काल नहीं होते, अनन्त अतीत- काल नहीं होते । अनागत-काल अतीत काल से एक समय अधिक है, अतीत-काल अनागतकाल से एक समय कम है। २७१. भन्ते ! क्या सर्व काल में संख्येय अतीत काल होते हैं ? पृच्छा। गौतम ! संख्येय अतीत काल नहीं होते, असंख्येय अतीत काल नहीं होते, अनन्त अतीतकाल नहीं होते। सर्व-काल अतीत काल से सातिरेक द्विगुण है, अतीत-काल सर्व-काल से कुछ कम अर्ध है। २७२. भन्ते ! क्या सर्व काल के संख्येय अनागत-काल होते हैं ? ..... पृच्छा । गौतम ! संख्येय अनागत-काल नहीं होते, असंख्येय अनागत-काल नहीं होते, अनन्त अनागत-काल नहीं होते । सर्व-काल अनागत-काल से कुछ कम द्विगुण है । अनागत-काल सर्व काल से सातिरेक अर्ध है। ८१८
SR No.032417
Book TitleBhagwati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages590
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size15 MB
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