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________________ दोहा १. इस प्रकार स्नानागार से बाहर निकलकर वे जहां चक्ररत्न है उस शस्त्रागार की दिशा में चल रहे हैं । २. भरत नरेश के सेवक, ईश्वर, युवराज आदि सज-धज कर साथ चल रहे हैं। ढाळ : ६ १. कुछ सेवकों ने अपने हाथ में पद्म कमल ले रखा है तो कुछ सेवकों ने उत्पल कमल हाथ में ले रखा है 1 २. कुछ लोगों के हाथ में शतपत्र कमल है। उसकी गंध अत्यंत महक रही है I ३. कुछ लोगों ने ताजे सहस्त्र पत्र निष्पन्न कमल हाथ में ले रखे हैं । ४. इस प्रकार अनेक लोग कमल हाथ में लेकर भरत राजा के पीछे चल रहे हैं । ५. अठारह देशों की दासियां भरत नरेश्वर के पीछे चल रही हैं । ६. उन तरुणी दासियों का रूप अत्यंत मनोहर है तथा वे अत्यंत कुशल एवं चतुर हैं ।
SR No.032414
Book TitleAcharya Bhikshu Aakhyan Sahitya 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Ganadhipati, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Sukhlal Muni, Kirtikumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2011
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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