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________________ 2. तं कुमारं पश्य किं सः करोति इति-उस लड़के को देख कि वह क्या कर रहा है। 3. सः भोजनाय पक्वमन्न' पानाय जलं च इच्छति-वह भोजन के लिए पका हुआ अन्न और पीने के लिए जल चाहता है। 4. सः पठितमपि पाठं न स्मरति-वह पढ़े हुए पाठ को भी नहीं स्मरण करता। 5. सः द्रव्यं दत्त्वा धान्यं क्रीणाति-वह धन देकर धान खरीदता है। 6. सः रात्रौ किमपि न भक्षयति-वह रात्रि में कुछ भी नहीं खाता। 7. सूर्यं दृष्ट्वा जनः उत्तिष्ठति-सूर्य को देखकर मनुष्य उठता है। 8. तथा तारकान् दृष्ट्वा मनुष्यः स्वपिति-सितारे देखकर मनुष्य सोता है। 9. सः सर्वदा वृथा अटितुमिच्छति-वह हमेशा व्यर्थ घूमना चाहता है। 10. सः इदानीं किं करोति इति अहं ज्ञातुमिच्छामि - वह अब क्या करता है, यह ___मैं जानना चाहता हूँ। 11. शीघ्रं रथमानय', अहम् अन्यं नगरं गन्तुमिच्छामि-जल्दी गाड़ी ले आ, मैं दूसरे नगर जाना चाहता हूँ। 12. इदानीं मेघः गर्जति, अतः बहिर् न गच्छ-अब मेघ गरज रहा है, इस कारण बाहर न जा। शब्द वटुः-बालक। पीडयति-(वह) दुःख देता है। पीडयसि-(तू) दुःख देता है। पीडयामि-दुःख देता हूँ। ऊर्ध्वम्-ऊपर, पश्चात्। उपरि-ऊपर। यतिः-संन्यासी। बहु-बहुत। वृक्षस्य-वृक्ष के। श्रान्तम्-थका हुआ। प्रतीयते-मालूम होता है। खण्डः-टुकड़ा। वाक्य 1. पश्य, सः बालः कथं शीघ्रं धावति-देख, वह बालक कैसा तेज़ दौड़ता है। 2. भो मित्र ! इदानीं मां बुभुक्षा अतीव पीडयति-मित्र ! अब मुझे भूख बहुत ही दुःख देती है। 1. पक्वम् अन्नम् । 2. अटितुम् इच्छति। 3. ज्ञातुम् इच्छामि। 4. रथम आनय। 5. गन्तुम् इच्छामि।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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