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________________ स्मृत्वा - स्मरण करके । सदाचारः- सदाचार । स्मरति - व - वह स्मरामि - स्मरण करता हूँ । पाठ 22 स्मरण करता है । स्थान- जगह । विषये - विषय में । स्मरिष्यति - वह स्मरण करेगा । स्मरिष्यामि - स्मरण करूँगा । शब्द ज्ञानम् - ज्ञान शृङ्गवेरम् - अदरक । स्मरसि - तू स्मरण करता है। गणयति - वह गिनता है। सकलम् - सम्पूर्ण । शास्त्रस्य - शास्त्र का । चोरयति - वह चुराता है । वाक्य 1. सः स्मृत्वा वदति - वह स्मरण करके बोलता है । 2. यस्य ज्ञानं नास्ति तस्मिन् विषये सः किमर्थं वदति - जिसका ज्ञान नहीं है, उस विषय में वह क्यों बोलता है ? 3. सदाचारः एव धर्मः अस्ति- सदाचार ही धर्म है। 4. शृङ्गवेरं त्वं भक्षयसि किम् - क्या तू अदरक खाता है ? 5. देवदत्तस्य स्थानं त्वं जानासि किम्-देवदत्त का स्थान तू जानता है क्या ? 6. इदानीं तु न जानामि - अब तो नहीं जानता । 7. परन्तु स्मृत्वा वदिष्यामि - परन्तु स्मरण करके बताऊँगा । 8. तस्य गृहम् अतीव दूरम् अस्ति - उसका घर बहुत दूर है । 9. तत्र त्वम् इदानीं किमर्थं गन्तुम् इच्छसि - वहाँ तू अब क्यों जाना चाहता है ? 10. सः शास्त्रस्य सर्वं ज्ञानं जानाति - वह शास्त्र का सब ज्ञान जानता है 11. यदि स्वं तद् ज्ञातुम् इच्छसि तर्हि आगच्छ - अगर तू उसे जानना चाहता है, तो 1 आ । 12. त्वं घृतं कथं पिबसि - तू घी कैसे पीता है ? 13. अहं तु न पातुं शक्नोमि - मैं तो नहीं पी सकता । 14. पश्य अहं कथं पिबामि - देख, मैं कैसे पीता हूँ । 1. स्मरणम् - याद । 2. विद्याभ्यासः - पढ़ना। 3. अभ्यासे कृते - अभ्यास करने पर। 4. व्यर्थं जीवनम् - ज़िन्दगी व्यर्थ है । 73
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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