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________________ पाठ 14 श्रमः-कष्ट। कुतः-किसलिए। ताडयति-वह पीटता है। ताडयामि-पीटता हूँ। दुर्बलः-बलहीन। परिश्रमः-मेहनत। यद्-जो कि। ताडयिष्यति-पीटेगा। ताडयिष्यामि-पीढूँगा। अल्पम्-थोड़ा। शब्द अतः-इसलिए। यतः-जिसलिए। ताडयसि-तू पीटता है। ज्वरितः-ज्वर से पीड़ित। अतीव-बहुत। एतद्-यह। . तद्-वह। ताडयिष्यसि-पीटेगा। केवलम्-केवल, सिर्फ़। नीरोगः-स्वस्थ, तन्दुरुस्त। वाक्य 1. यज्ञदत्तः किमर्थं न पठति-यज्ञदत्त क्यों नहीं पढ़ता ? 2. सः ज्वरेण पीडितः अस्ति, अतः न पठति-यह ज्वर से पीड़ित है, इस कारण नहीं पढ़ता। 3. किम् एतत् सत्यमस्ति यत् सः ज्वरेण पीडितः अस्ति-क्या यह सच है कि वह ___ ज्वर से पीड़ित है ? 4. अर्थ किं सः न केवलं ज्वरितः अस्ति, परन्तु सः अतीव दुर्बलः अपि अस्ति-और क्या, वह न केवल ज्वरग्रस्त है, परन्तु बहुत दुर्बल भी है। 5. किं सः अन्नं भक्षयति न वा ? कथय-वह अन्न खाता है या नहीं ? बता। 6. न भक्षयति परन्तु अल्पम् अल्पं दुग्धं पिबति-नहीं खाता, परन्तु थोड़ा-थोड़ा दूध पीता है। 7. कदा सः पुनः नीरोगः भविष्यति-वह कब स्वस्थ होगा ? 8. एतद् अहं न जानामि-यह मैं नहीं जानता। 9. सः किं किं वदति-वह क्या-क्या बोलता है ? 10. सः किमपि न वदति-वह कुछ भी नहीं बोलता। 11. यदा सः पुनः नीरोगः भविष्यति-जब वह फिर नीरोग होगा।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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