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________________ अब कुछ वाक्य नीचे देते हैं जिनको पाठक पढ़ते ही समझ जाएँगे । उनका हिन्दी में भाषान्तर देने की ज़रूरत नहीं । 1. तेन कर्णयोः अलङ्कारः न धृतः । 2. भृत्येन हस्ते दण्डः न धृतः । 3. कुमारेण हस्ते मोदकः धृतः । 4. केशवदत्तः धनञ्जयाय धनं ददाति । 5. मनुष्यः कर्णाभ्यां शृणोति नेत्राभ्यां च पश्यति । निम्न वाक्यों की संस्कृत बनाइए 1. लड़का शेर को पीटता है। 2. मेरा भाई अब यहाँ नहीं है। ज्ञानम् - ज्ञान विद्या । - वह जानता है । जानामि - मैं जानता हूँ । जानाति - विज्ञाय - जानकर । भो मित्र - हे मित्र ! व्यायामम् - व्यायाम को । उत्थानम् — उठना । ददासि - तू देता है ज्ञातुम् - जानने के लिए। 1 शौचम् - शौच, टट्टी | भोजनम् - भोजन । पाठ 10 शब्द दानम् - दान | जानासि - तू जानता है । ज्ञात्वा - जानकर । जातः - हो गया । उत्तिष्ठ-उठ । प्रक्षालनम् - धोना । ददामि - देता हूँ । ददाति - वह देता है 1 प्रातः कालः - सवेरा । मुखप्रक्षालनम् - मुंह, धोना । कुतः - क्यों, कहाँ से । वाक्य 1. भो मित्र ! पश्य, प्रातः कालः जातः- हे मित्र ! देख, सवेरा हो गया । 2. उत्तिष्ठ ! शौचं कृत्वा शीघ्र स्नानं कुरु - उठ ! शौच करके जल्दी स्नान कर । 3. अहं शौचं कृत्वा मुखप्रक्षालनं करिष्यामि - मैं शौच करके मुँह धोऊँगा । 4. पश्चात् स्नानं कृत्वा सन्ध्यां करिष्यसि किम् - फिर स्नान करके सन्ध्या करेगा क्या ? 5. नहि, अहं पश्चात् व्यायामं कृत्वा स्नानं कर्तुम् इच्छामि- नहीं, मैं बाद में व्यायाम करके स्नान करना चाहता हूँ । 33
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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