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________________ 13. नहि, नहि, सः ग्रामं गत्वा रात्रौ आगमिष्यति-नहीं, नहीं, वह गाँव जाकर रात्रि को आएगा। शब्द इच्छति-वह चाहता है। इच्छसि-तू चाहता है। इच्छामि-मैं चाहता हूँ। पत्रम्-पत्र। शुद्धम्-शुद्ध, साफ़। मार्गः-मार्ग, रास्ता। कर्तुम्-करने के लिए। भोक्तुम्-खाने के लिए। दातुम्-देने के लिए। भक्षयितुम्-खाने के लिए। पातुम्-पीने के लिए। पठितुम्-पढ़ने के लिए। लिखति-वह लिखता है। लिखसि-तू लिखता है। लिखामि-मैं लिखता हूँ। कूपम्-कुआँ। औषधम्-औषध, दवा। उत्तरीयम्-दुपट्टा। लेखितुम्-लिखने के लिए। स्वीकर्तुम्-स्वीकार करने के लिए। गन्तुम्-जाने के लिए। आगन्तुम्-आने के लिए। नेतुम्-ले जाने के लिए। आनेतुम्-लाने के लिए। वाक्य 1. रामचन्द्रः पुस्तकं पठितुम् इच्छति-रामचन्द्र पुस्तक पढ़ने की इच्छा करता है। 2. हरिश्चन्द्रः शुद्धं जलं पातुम् इच्छति-हरिश्चन्द्र शुद्ध जल पीने की इच्छा करता है। 3. अहं कूपं गत्वा स्नानं कर्तुम् इच्छामि-मैं कुएँ पर जाकर स्नान करना चाहता 4. त्वं श्वः प्रातः स्नानं करिष्यसि किम्-क्या तू कल प्रातः स्नान करेगा ? 5. नहि, अहं श्वः प्रातः स्नानं कर्तुम् न इच्छामि-नहीं, मैं कल सवेरे स्नान करना नहीं चाहता। 6. यदि प्रातः न करिष्यसि तर्हि कदा करिष्यसि-अगर सवेरे नहीं करेगा तो कब करेगा ? 7. सायं करिष्यामि-शाम को करूँगा। 8. त्वम् इदानीम् पठितुम् इच्छसि किम्-क्या तू अब पढ़ना चाहता है ? 9. नहि, इदानीम् अहं फलं भक्षयितुम् इच्छामि-नहीं, अब मैं फल खाना नहीं चाहता। 31
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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