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________________ परस्मैपद, वर्तमान काल, प्रथम गण उत्तम पुरुष 1. अहं जीवामि-मैं जीता हूं। 2. आवां जीवावः-हम दोनों जीते हैं। 3. वयं जीवामः-हम सब जीते हैं। मध्यम पुरुष 1. त्वं जीवसि-तू जीता है। 2. युवां जीवथः-तुम दोनों जीते हो। 3. यूयं जीवथ-तुम सब जीते हो। प्रथम पुरुष 1. स जीवति-वह जीता है। 2. तो जीवतः-वे दोनों जीते हैं। 3. ते जीवन्ति-वे सब जीते हैं। जैसा पहले कहा जा चुका है, काल तीन होते हैं-(1) वर्तमान काल, (2) भूतकाल, (3) भविष्यत् काल। गत समय को भूतकाल कहते हैं, जो चल रहा है वह वर्तमान काल है और जो आनेवाला है वह भविष्यत् काल । वर्तमान काल-स जप-ति = वह जप कता है। भूतकाल-स अजप-त् = उसने जप किया। भविष्यत् काल-स जपिष्यति वह जप करेगा। वर्तमान काल के प्रत्ययों के पूर्व 'ष्य' लगाने से भविष्यत् काल बनता है। जैसे जपिष्यति जपिष्यसि जपिष्यामि *गमिष्यति गमिष्यसि गमिष्यामि चलिष्यति चलिष्यसि चलिष्यामि जपिष्यतः जपिष्यथः जपिष्यावः गमिष्यतः गमिष्यथः गमिष्यावः चलिष्यतः चलिष्यथः चलिष्यावः जपिष्यन्ति जपिष्यथ जपिष्यामः गमिष्यन्ति गमिष्यथ गमिष्यामः चलिष्यन्ति चलिष्यथ चलिष्यामः 15ol* भविष्यत् काल में गम् धातु के लिए गच्छ आदेश नहीं होता।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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