SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 292
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 4. कुण्ठ (वैकल्ये)-लूला होना-कुण्ठति। 5. कूज् (अव्यक्ते शब्दे)-अस्पष्ट आवाज़ करना-कूजति। 6. क्रन्द् (रोदने आह्वाने च)-रोना अथवा आह्वान करना-क्रन्दति। 7. क्रीड् (विहारे)-खेलना-क्रीडति। 8. क्वथ् (निष्पाके)-कषाय करना, काढ़ा करना-क्वथति। . 9. क्षर् (संचलने)-पिघलना-क्षरति। 10. खन् (अवदारणे)-ज़मीन खोदना-खनति। 11. खाद् (भक्षणे)-खाना-खादति। 12. खेल (क्रीडायाम्)-खेलना-खेलति। 13. गद् (व्यक्तायां वाचि)-बोलना-गदति। 14. गम् (गच्छ) (गतौ)-जाना-गच्छति। वाक्य 1. वृक्षः एजति। 2. वृक्षौ एजतः। 3. वने वृक्षा एजन्ति। 4. त्वं कणसि। 5. युवां कणथः। 6. भित्तिः संकुचित। 7. ते कुण्ठन्ति। 8. काको कूजतः। 9. पक्षिणः कूजन्ति। 10. बालकाः क्रन्दन्ति। 11. स्त्रीपुरुषो क्रन्दतः। 12. मनुष्यः क्रन्दति। 13. स कुत्र क्रीडति ? 14. युवां कुत्र क्रीडथः ? 15. आवां अत्र क्रीडावः। 16. वयं तत्र क्रीडामः। 17. तैलं क्षरति। 18. अश्वः शश्पं खादति। 19. अश्वौ तृणं खादतः। 20. अश्वाः तृणं खादन्ति। वृक्ष कांपता है। दो वृक्ष हिलते हैं। वन में बहुत वृक्ष हिलते हैं। तू रोता है। तुम दोनों रोते हो। दीवार सिकुड़ती है। वे सब लूले होते हैं। दो कौवे शब्द करते हैं। बहुत पक्षी शब्द करते हैं। लड़के रोते हैं। स्त्री और पुरुष दोनों चिल्लाते हैं। एक मनुष्य रोता है। वह कहां खेलता है ? तुम दोनों कहां खेलते हो ? हम दोनों यहां खेलते हैं। हम सब वहां खेलते हैं। तेल पिघलता है। घोड़ा घास खाता है। दो घोड़े घास खाते हैं। बहुत घोड़े घास खाते हैं।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy