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________________ 128 गुप्, ककुभ्, अग्निमथ्, चित्रलिखु, सर्वशक्' आदि शब्द चलते हैं। इनके पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के रूप समान होते हैं । उक्त शब्दों में 'सरित्, शरद्, क्षुध्, ककुभ्' ये शब्द स्त्रीलिंग हैं। इनके थोड़े-से रूप नीचे दिये जा रहे हैं, जिनको देखकर पाठक अन्य रूप बना सकेंगे। प्रथमा एकवचन सरित् शरद् क्षुत् ककुप् हरित् भूभृत् तमोनुत् बेभिद् चेच्छिद् युयुत् गुप् चित्रलिख् सर्वशक् 1. सम्बोधन (हे) 2. 3. 4. 5. 6. 7. वाचम् वाचा वाचे तृतीया एकवचन वाचः "" सरिता शरदा क्षुधा ककुभा हरिता भूभृता तमोनुदा बेभा चेच्छिदा वाक्, वाग् "" वाचि युयुधा गुपा चित्रलिखा सर्वश पाठ 28 चकारान्त स्त्रीलिंग ' वाचू' शब्द वाचौ "" "" ATM द्विवचन वाचोः सरिद्भ्याम् शरद्भ्याम् क्षुद्भ्याम् ककुब्भ्याम् हरिद्भ्याम् भूभृद्भ्याम् तमोनुद्भ्याम् बेभिद्भ्याम् चेच्छिद्भ्याम् युयुद्भ्याम् गुब्भ्याम् चित्रलिग्भ्याम् सर्वशग्भ्याम् वाग्भ्याम् वाग्भ्याम् 21 "" सप्तमी बहुवचन सरित्सु शरत्सु क्षुत्सु ककुप्सु वाचः "" हरित्सु भूभृत्सु तमोनुत्सु बेभित्सु चेच्छित्सु युयुत्सु गुप्सु चित्रलिक्षु सर्वशक्षु " वाग्भिः वाग्भ्यः वाचाम् वाक्षु
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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