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________________ 94 1. असौ 2. अमुम् 3. अमुना 4. अमुष्मै 5. अमुष्मात् 6. अमुष्य 7. अमुष्मिन् जाता है। पदान्त त् : A 11 उदाहरण तत् तत् तत् तत् यत् तत् यत् ts : : : : सन्धि नियम 1 - निम्न दशाओं में क्रम से पदान्त त् का 'च्, ज्, टू, ड्, लू हो को 'अदस्' शब्द (पुल्लिंग) अमू " + चरणौ छाया शास्त्रम् जलम् झज्झरः टीका डयनम् लोकात् अमूभ्याम् "" मतम् नित्यम् 64 अमुयोः "" परिवर्तित रूप च् ज् لكر به امر الحر ट् = = अमी अमून् अमीभिः अमीभ्यः = अमीषाम् अमीषु = 17 सामने का अक्षर श च छ 15 ज ट ड ल तच्चरणौ तच्छाया तच्छास्त्रम् तज्जलम् यज्झज्झरः तट्टीका यड्डयनम् तस्मात् + तस्माल्लोकात् नियम 2 - 'तू' के बाद अनुनासिक आने से 'तू' का 'न्' अथवा 'दू' होता है। तन् + मनः तन्मनः, तद्मनः यत् + ऊ झ 5 ढ यन्मतम्, यद्मतम् तस्मान्नित्यम्, तस्मादनित्यम् तस्मात् + पाठकों को स्मरण रखना चाहिए कि नकार वाला पहला रूप ही बहुत प्रसिद्ध है ।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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