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________________ 12. मनुष्यस्य बलं नास्ति-मनुष्य का बल नहीं है। 13. बालकस्य मुखं मलिनम् अस्ति-लड़के का मुख मलिन है। 14. तस्य मुखं मलिनं न अस्ति-उसका मुख मलिन नहीं है। 15. राजपुरुषस्य आज्ञा अस्ति-राज्याधिकारी की आज्ञा है। पाठ 7 पाठकों को उचित है कि वे प्रतिदिन पूर्व-पाठों में से भी शब्द याद किया करें तथा वाक्यों की ओर बार-बार ध्यान दिया करें और आए हुए शब्दों से अन्यान्य नए-नए वाक्य बनाते रहें। ऐसा प्रयत्न करने से ही उनकी इस देवभाषा में शीघ्र गति होगी अन्यथा नहीं। अब नीचे लिखे शब्द याद कीजिएकथय-कह। दर्शय-दिखा, बता। अस्ति -वह है। असि-तू है। अस्मि-हूँ। सत्य-सच्चाई। दयाम्-दया को। सन्ध्याम्-सन्ध्या को। आगच्छ-आ। शृणु-सुन। ब्रूहि-बोल। वद-कह। पश्य-देख। कर्म-काम, कार्य। पाठम्-पाठ को। वाक्य 1. सत्यं ब्रूहि-सत्य बोल। 2. उद्यानं पश्य-बाग़ को देख। 3. दयां कुरु-दया कर। 4. सन्ध्यां कुरु-सन्ध्या कर। 5. सत्यकामः तत्र अस्ति-सत्यकाम वहाँ है। 6. हरिश्चंद्रः अत्र अस्ति-हरिश्चन्द्र यहाँ है ! 7. अहम् अस्मि -मैं हूँ। 8. त्वम् असि-तू है। 9. सः अस्ति-वह है। 10. विष्णुमित्रः कुत्र अस्ति-विष्णुमित्र कहाँ है ? 11. पश्य सः तत्र अस्ति-देख, वह वहाँ है। 123
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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