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शब्द-पुल्लिग चतुर्थः-चौथा। प्रतिग्रहः-दान लेना। प्रभावः-सामर्थ्य। मूर्खः-मूढ़। महानुभावः-महाशय । संविभागिन्-हिस्सेदार । प्रत्ययः-अनुभव । सञ्चय-एकीकरण। पार-परला किनारा।
स्त्रीलिंग अटवी-अरण्य। उपार्जना-प्राप्ति। वसुधा-भूमि। अटव्याम्-अरण्य में। विफलता-निष्फलता। बाला-स्त्री। धरणिः-भूमि।
नपुंसकलिंग देशान्तरम्-अन्य देश। अधिष्ठानम्-ग्राम। अस्थिन्-हड्डी। बाल्य-बालपन। कुटुम्बक-परिवार। औत्सुक्य-उत्सुकता।
विशेषण हीन-न्यून। उपागत-प्राप्त। अभिहित-कहा हुआ। पराङ्मुख-पीछे मुंह किए हुए। क्रीडित-खेले हुए। लघु-चेतस्-क्षुद्र बुद्धिवाला। त्रयः-तीन। मंत्रित-सोचा हुआ। स्वोपार्जित-अपनी कमाई। निषिद्ध-मना किया हुआ।ज्येष्ठ-बड़ा।ज्येष्ठतर-दोनों में बड़ा। ज्येष्ठतम-सबसे बड़ा। उदारचरित-बड़े दिलवाला। संयोजित-मिलाया हुआ।
अन्य धिक्-धिक्कार। क्षणं-क्षण-भर। भोः-अरे।
क्रिया - वसन्ति-रहते हैं। लभ्यते-प्राप्त होता है। संचारयति-संचार कराता है। प्रतीक्षस्व-ठहर। आरोहामि-चढ़ता हूं। उपदिश्य-उपदेश करके। परितोष्य-संतुष्ट करके।अवतीर्य-उतरकर । क्रियते-किया जाता है। युज्यते-योग्य है। निष्पाद्यते-बनाया जाता है। उत्थाय-उठकर।
विशेषणों का उपयोग बुद्धिहीनः पुरुषः। निषिद्धो ग्रन्थः। ज्येष्ठो भ्राता।
बुद्धिहीना स्त्री। निषिद्धा कथा। ज्येष्ठा भगिनी। 66/
बुद्धिहीनं मित्रम्। निषिद्धं पुस्तकम्। ज्येष्ठं मित्रम्।
विशषणा