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________________ अब (एक) बिल्ला उस चूहे को खाने के लिए दौड़ता है। (3) तम् अवलोक्य मूषकः तस्य मुनेः __(3) उस (बिल्ले) को देखकर चूहा उस क्रोड प्रविवेश। ततो मुनिना उक्तम्- मुनि की गोद में आ घुसा। तब मुनि ने "मूषक, त्वं मार्जारो भव।" ततः स कहा-"चूहे, तू बिल्ला बन जा।" सो वह मार्जारो जातः। बिल्ला बन गया। (4) पश्चात् स बिडालः कुक्कुरं (4) अब वह बिल्ला कुत्ते को देखकर दृष्ट्वा पलायते। ततो मुनिना भागने लगा। तब मुनि ने कहा-“कुत्ते उक्तम्-'कुक्कुराद् बिभेषि, त्वम् एव से (तू) डरता है, तू कुत्ता ही बन जा।" कुक्कुरो भव' तदा स कुक्कुरो जातः। सो वह कुत्ता बन गया। ___(5) स कुक्कुरो व्याघ्राद् बिभेति। ततः (5) वह कुत्ता शेर से डरने लगा। तब तेन मुनिना कुक्कुरो व्याघ्रः कृतः। अथ मुनि ने कुत्ते को व्याघ्र (शेर) बना दिया। व्याघ्रमपि तं मूषक-निर्विशेषं पश्यति स मुनि अब, व्याघ्र (बन चुके) को भी मुनिः । चूहे-सा ही देखता है ! ___(6) अथ तं मुनिं व्याघ्रं च दृष्ट्वा सर्वे (6) अब उस मुनि और (उस) शेर वदन्ति-"अनेन मुनिना मूषको व्याघ्रतां को देखकर सब कहने लगे- "इस मुनि नीतः।" ने चूहे को शेर बना दिया।" (7) एतत् श्रुत्वा स व्याघ्रः (7) यह सुनकर वह शेर दुख से सव्यथोऽचिन्तयत्। 'यावद् अनेन मुनिना सोचने लगा-'जब तक मुनि जिन्दा रहेगा जीवितव्यं तावत् इदं मे स्वरूपाख्यानम् तब तक यह अपमान करनेवाला मेरा रूप अकीर्तिकरं न गमिष्यति' इति आलोच्य (बदलने) की कहानी नहीं ख़त्म होगी'। यह स मुनिं हन्तुं गतः। सोचकर वह मुनि को मारने के लिए चला। (8) ततो मुनिना ततः ज्ञात्वा, (8) इस पर मुनि ने "फिर चूहा बन 'पुनर्मूषको भव' इत्युक्त्वा मूषक एव जा" कहकर उसे फिर से चूहा ही बना कृतः। दिया। (हितोपदेशात्) (हितोपदेश) इस कथा में आए हुए कुछ समास इस प्रकार हैं(1) आश्रमसंन्निधानम्-आश्रमस्य संन्निधानम् आश्रमस्य समीपम् इत्यर्थः । (2) मूषकशावकः-मूषकस्य शावकः । (3) काकमुखम्-काकस्य मुखम्। (4) नीवारकणः-नीवाराणां कणः नीवाराणां धान्यविशेषणाम् अंशः। (5) व्याघ्रता-व्याघ्रस्य भावः व्याघ्रता, व्याघ्रत्वम् इत्यर्थः । (6) मूषकत्वम्-मूषकस्य भावः। (7) सव्यथः व्यथया सहितः सव्यथः, दुःखेन युक्तः इत्यर्थः ।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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