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कायोत्सर्ग
ध्यान में प्रवेश करने के लिए कायोत्सर्ग का अभ्यास आवश्यक है। पैर से सिर तक शरीर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट कर प्रत्येक भाग पर चित्त को केन्द्रित कर, स्वतःसूचन के द्वारा शिथिलता का सुझाव देकर पूरे शरीर को शिथिल करना है। पूरे ध्यान काल तक शरीर को शिथिल रखना है, कायोत्सर्ग की मुद्रा को बनाए रखना है।
कायोत्सर्ग के अभ्यास से पूरा शरीर शिथिल हो जाता है और ध्यान में प्रवेश भी आसानी से होता है ।
३ दिसम्बर
२००६
३६३
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