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शुक्लध्यान के चार प्रकार (१) शुक्लध्यान के चार चरण हैं१. पृथक्त्ववितर्क-सविचारी २. एकत्ववितर्क-अविचारी ३. सूक्ष्मक्रिय-अनिवृत्ति ४. समुच्छिन्नक्रिय-अप्रतिपाति
इनमें प्रथम दो चरणों-पृथक्त्ववितर्क-सविचारी और एकत्ववितर्क-अविचारी के अधिकारी श्रुतकेवली (चतर्दशपूर्वी) होते हैं। इस ध्यान में सूक्ष्म द्रव्यों और पर्यायों का आलम्बन लिया जाता है, इसलिए सामान्य श्रुतधर इसे प्राप्त नहीं कर सकते। अंतिम दो चरणों- सूक्ष्मक्रिय-अनिवृत्ति और समुच्छिन्नक्रिय-अप्रतिपाति के अधिकारी केवली होते हैं।
२३ सितम्बर २००६
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