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आर्तध्यान के लक्षण आर्तध्यान के चार लक्षण बतलाए गए हैं१. क्रन्दता-आक्रन्द करना २. शोचनता–शोक करना ३. तपनता-आंसू बहाना ४. परिदेवनता-विलाप करना।
इनसे पता लगता है कि वर्तमान में अमुक व्यक्ति आर्तध्यान में निविष्ट है। ___ इष्ट के वियोग और अनिष्ट के संयोग तथा वेदना की स्थिति में आर्तध्यान वाला व्यक्ति जो व्यवहार करता है, वे उसकी पहचान के हेतु बन जाते हैं।
अट्टस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता, तं जहाकंदणता, सोयणता, तिप्पणता, परिदेवणता।
ठाणं ४.६२
२८ अगस्त २००६