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ध्यान का फल
जो साधक अर्हत् के साथ तन्मयता सिद्ध करता है, उससे उसे कुछ लाभ प्राप्त होते हैं। उदाहरणस्वरूप
१. ज्ञान २. श्री (लक्ष्मी) ३. आयु ४. आरोग्य ५. तुष्टि (तोष) ६. पुष्टि (पोषण) ७. शरीर ८. धैर्य
इनके अतिरिक्त जितने भी प्रशस्त फल हैं, वे अर्हत् के साथ तन्मयता साधने वाले को प्राप्त हो जाते हैं।
ज्ञानं श्रीरायुरारोग्यं तुष्टिः पुष्टिर्वपुधृतिः । यत्प्रशस्तमिहाऽन्यच तत्तद्ध्यातुः प्रजायते।।
तत्त्वानुशासन १६८
२७ जुलाई २००६