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निषीदन-स्थान (१) बैठकर किए जाने वाले आसन
१. मकरमुख–मगर के मुंह के समान पैरों की आकृति बनाकर बैठना।
२. हस्तिशुडि-हाथी की सूंड की भांति एक पैर को फैलाकर बैठना।
३. गो-निषद्या-दोनों जंघाओं को सिकोड़कर गाय की तरह बैठना।
४. वीरासन-दोनों जंघाओं को अन्तर से फैला कर बैठना।
३ मई २००६