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अपरिग्रह अणुव्रत (1)
अपरिग्रह अणुव्रत - परिग्रह का स्थूल प्रत्याख्यान । इस अणुव्रत को स्वीकार करने वाला गृहस्थ यावज्जीवन अपने स्वामित्व में जो परिग्रह है और आगे होगा, उसकी सीमा निम्नांकित प्रकार से करता है, उससे अधिक परिग्रह का आजीवन परित्याग करता है
फक
१. क्षेत्र, वास्तु (घर) का परिमाण ।
२. सोना, चांदी, रत्न आदि का परिमाण ।
३. धन, धान्य का परिमाण ।
४. पशु, पक्षी आदि का परिमाण ।
५. कुप्य परिमाण - तांबा, पीतल आदि धातु तथा अन्य गृह-सामग्री, यान, वाहन आदि का परिमाण ।
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१३ अप्रैल २००६
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