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________________ स्त्रीप्रत्यय (२) १७ अभ्यास १. निम्नलिखित वाक्यों में शुद्धाशुद्ध बताओ आचार्यां दृष्ट्वा सो कथमधावत ? इदं वचनं श्रुत्वा स क्षत्रियां अकुप्यत् । आर्या कुकार्य न कुरुते । कुमाराणी कुत्र व्रजति ? मृगिणी किं करोति ? क्षत्रिया कुत्र व्रजति । २. निम्नलिखित शब्दों के स्त्रीलिंग के रूप और नियम बताएंमत्स्य, इभ्य, आचार्य, मातुल, पटु, साधु, ब्राह्मण, मृग, हंस, शूकर, इन्द्र, कुमार, तरुण, युवन् । ३. उकारान्त गुणवाची स्त्रीलिंग शब्दों के चार उदाहरण दो। ४. नारी, युवति शब्द किस नियम से बने हैं ? ५. नीचे लिखे शब्दों के संस्कृत रूप लिखो। मछली, मुर्गी, शेरनी, मक्खी, जूं, पार्वती। ६. नीचे लिखे शब्दों में कौन-सा रूप शुद्ध है गौर किस वियम से ? दीर्घपुच्छी, दीर्घपुच्छा । विषपुच्छी। धूलिः, धूली । अजननिः, कृशोदरा, कृशोदरी, अकेशा, अतिकेशा, कल्याणा। ७. लक्ष्मी, स्त्री और श्री शब्दों के रूप लिखो। ८. शुच्, उषु और लुञ्च धातु के रूप लिखो।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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