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________________ ६१२ वाक्यरचना बोध कम्पाना-धुनोति, धुवति, धुनाति, कम्पयति, प्रेतयति, धूनयति, लुलयति, दोलयति, तरलयति कटना-कटति कमाना- अर्जयति, अर्जयते करना-करोति, सृजति, प्रणयति, घटयति, अनुतिष्ठति, विदधाति, संपादयति, निष्पादयति कल्पना करना-कल्पयति कलह करना-कलहायते कसना-द्रढयति काटना-कृन्तति, छिनत्ति, तक्ष्णोति काढना-उद्धरति काबरापन करना-कर्बुरयति, शबलयति, किर्मीरयति काम में लाना-उपयुज्यते, व्यवहरति किञ्चित् हंसना-स्मयते कुशल पूछना-सभाजयति कूटना-कुट्टयति, कुट्टयते कूदना-कूदते क्षमा करना-सहते, मृष्यति, मर्षति, मृषयति, मर्षते, क्षमते, तितिक्षते, क्षाम्यति क्रीडा करना-क्रीडति, विहरति, रमते, खेलति, खेलायति क्रोध करना-क्रुध्यति, कुप्यति, रुष्यति, संरभते कोसना-क्रोशति खरच करना–व्ययति खरीदना-क्रीणाति खाज करना-कण्ड्यति, कण्डूयते । खोज करना-मार्गति, मार्गयति, मृगयति, गवेषयति खंडन करना-पराकरोति खांसी लेना-कासते खिलना - विकसति, परिस्फुटति, उन्मिषति, उन्मीलति खींचना–कर्षति, कृषति खुडाना-खजति खुरचना-आलिखति खेती करना-कर्षति खेदित होना-खिद्यति, क्लियति, तिम्यति, स्तिम्यति, उन्नदति खोज करना-अन्वेषयति, पर्यवेक्षते, अन्विष्यति, ढण्ढयति
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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