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________________ ४२ गच्छसि । भगोः + हससि - भगो हससि । अघो: - यासि = अघोयासि । प्रयोगवाक्य वाक्यरचना बोध स्कन्धावारः इतः कियत् दूरमस्ति । राजपुरुषाः नगरे किं कुर्वन्ति ? अस्माकं ग्रामे एकोsपि कासारः नास्ति । कर्दमे गजोऽस्ति । कापटिकानां विश्वासं मा कुरु । प्रातः शीतः अनिलः चलति । युधिष्ठरः अर्जुनं जगाद । सर्वदा जिनं जप | गौ: वने चरति । पापानि दल । क्षेत्रे कि फलति । मां रक्ष । जिनं मह त्वं वज । स व्रजति । संस्कृत में अनुवाद करो छावनी में कोन है ? पुलिस क्या करती है ? तालाब में पानी नहीं है । कीचड़ में पैर मत रखो | वह बेईमान है । अभी पूर्व में हवा चलती है । चिड़िया वृक्ष पर बैठी है । गाडी की धुरा कहां है ? लोहार धमनी से लोहा धमता है । कृष्णपक्ष में चन्द्रमा नहीं बढ़ता है। पुलिस चौकी कहां है ? ये रत्न किनके हैं ? मुझे चावल अच्छे नहीं लगते । फूल में सुगंध नहीं है । आचार्यश्री ने तुम्हें क्या कहा ? मुनि जाप करता है । गाय क्या खाती है ? जो पापों को नष्ट करता है, वह महान् है । वृक्ष पर फल फूलते हैं । माता पुत्र की रक्षा करती है । मोहन गांव जाएगा। मैं सदा जिनेश्वर देव की भाव पूजा करता हूं । अभ्यास १. किस उपधावाले शब्द नपुंसकलिंग में होते हैं ? २. द्विस्वर वाले और मन् प्रत्यय अंत वाले कौन से शब्द हैं ? ३. त्रिलिंग शब्दों के क्या नियम हैं ? ४. कौनसा शब्द स्त्रीवाची होने पर भी नपुंसकलिंग में प्रयुक्त होता है। ५. निम्नलिखित शब्दों में कौन से शब्द किस लिंग के हैं ? अजिन, वस्तु, त्रि, श्मश्रु, दामन् माधुर्य, श्वेत, विस्तृत । ६. सन्धि करो - लग्नाः+तम् । कृपाणपाणि: + तनोति । कः + अयं । यतः + अचिन्तितः निर्णीताः + ते । कः + साधकः । जिन: + तरति । गावः + चरन्ति । जिना: + गच्छन्ति । ७. संधि विच्छेद करो । सर्वज्ञयं शुद्धसम्यक्त्व, रामस्तरीतुं, भगोव्रजसि, अधोयासि । ८. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप लिखो पुलिस, कीचड़, चिड़िया, धमनी, बेईमान, लोहा, पुलिस, चौकी, चावल | ६. सीता और नदी शब्दों के रूप लिखो ।. १०. पठ धातु के सारे रूप लिखो ।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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