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________________ धातुप्रकरण से डरता है । जेठ जेठानी को प्रिय लगता है । नाना अच्छी तरह जीता है पर नानी मर रही है । दादा और पोता घूमने जाते हैं। बहू ससुर से लज्जा करती है । वहां जाने से क्या होगा ? मोहन रात्रि में किसलिए जगा था ? वृक्ष क्यों नहीं बढता है ? तुम क्यों डरते हो ? मुझे चावल अच्छे नहीं लगते। मनुष्य की आयु प्रतिदिन क्षीण हो रही है। पिता पुत्र को देखता है। मदन कल घर गया था ? जो राग और द्वेष को जीत लेता है वह जिन होता है । अभ्यास १. नियमपूर्व संधि करो जलाशयात् + जलम् । तत्+-जलम् । कियत्+च। तत्+चेतः । तत्+ जयति । भवान्+जातः । भवान्। शयानः । २. अकर्मक धातु किसे कहते हैं ? ३. अकर्मक और अविवक्षित कर्म में क्या अन्तर है ? अकर्मक, द्विकर्मक और अविवक्षितकर्मक के दो-दो वाक्य बनाओ। ४. अकर्मक धातुएं कौन-२ सी हैं, श्लोक लिखो ? ५. भगिनी और पति के रूप किस शब्द की तरह चलेंगे ? ६. डरना, मरना, जीना, बढना, बैठना, प्रियलगना-इन अर्थो में कौन-कौन ___ सी धातु हैं ? ७. विद्वस्, पुस्, चंद्रमस् और अनडुह, शब्दों के रूप लिखो।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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