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________________ वाक्यरचना बोध प्रयोगवाक्य गुरूणां निन्दकः, जीवानां हिंसकः, नराणां क्लेशकः, सदाचरणानां विनाशकः, परेषां असूयकश्च मृत्वा कुत्र याति ? मुनीनां कोऽस्ति चकासकः ? नृषु कोऽस्ति दरिद्रायकः ? एतेषां वस्त्राणां कोऽस्ति गणकः ? कालसौकरिकंः महिषीनां शरारुः, शारुकः वा आसीत् । जीवानां घातुक: निर्दयी भवति । अरे ! लुण्टाका: नगरं लुण्टन्ति । पृथ्वीकायस्य जीव: स्थावरोऽस्ति । आचार्यस्य भास्वरं ललाटं दृष्ट्वा हेमन्तः आकृष्टोऽभूत् । विकस्वराणि पुष्पाणि द्रष्टुं मालाकारः उद्याने समायात् । नश्वरं इदं शरीरम् । अस्मिन् संसारे समागता सर्वेऽपि गत्वराः सन्ति। रमेशः गजात भीरुः, भीरुकः, भीलुको वा, न मूषकात् ।। संस्कृत में अनुवाद करो ___ गुरुओं की निंदा करने वाला सद्गति में नहीं जाता है । जीवों की हिंसा करने वाला दुर्गति में जाता है । अधिक खाने वाला बीमार होता है । अधिक बोलने का कोई विश्वास नहीं करता है। वह पुत्र की कामना करती है । भिक्षा करने वाले कहां गये ? भाषण बोलने वाला कहां का है ? विकसित होने वाला देश कौन सा है ? षटखंड को जीतने वाला राजा कौन है ? यह जीवन नष्ट होने वाला है । आचार्य को वंदना करने वाले मुनि कहां गये ? स्वयं उत्पन्न होने वाले देव और नरक हैं । ऊपर उडने वाला पक्षी कौनसा है ? अन्न पीसने वाला कहां है ? किसी कार्य में लापरवाह मत बनो। यह लज्जा रहित है । रात्रि में चमकने वाला तारा कौनसा है ? इस संसार में कौन स्थिर रहने वाला है ? गमनशील व्यक्ति अपने लक्ष्य को पा लेता है । शिला को तोडने वाला व्यक्ति कहां गया ? अभ्यास १. निम्नलिखित शब्द किस धातु के और किस प्रत्यय के हैं, बताओ ? खादकः, आवेदकः, गामुकः, चलनः, भास्वरः, स्थायुकः, सृत्वरः, तृष्णक, भीरुकः, शरारुः। २. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयुक्त करो उत्पातुकः, शारुकः, जित्वरः, जल्पाकः, वन्दारुः ।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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