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________________ १८६ वाक्यरचना बोध प्रयोगवाक्य सोहनः शनैः शनैः भुङ्क्ते । मृगः तीव्रं धावति । दुर्जन: मधुरं वक्ति । कटु मा वद । नद्याः नीरं तीव्रं प्रवहति । अध्यापकः छात्रान् सुष्ठु पाठयति । भूपः दुष्टान् क्रूरं मारयति । पक्षिणः मधुरं गायन्ति । सुशील: वस्त्राणि - सम्यक् परिधत्ते । अस्मिन् वने अनेके केसरिणः द्वीपिनश्च निवसन्ति । शाखामृगः इतस्ततः धावति । रजकस्य गृहे एकः खरोऽस्ति । मार्जारी मूषकं हन्ति । सरमा गेहे गेहे भ्रमति । संस्कृत में अनुवाद करो जंगल में अनेक हिंसक पशु रहते हैं । लोग शेर, बाघ, तेंदुआ और भालू से डरते हैं। बन्दर चंचल होता है । क्या तुमने गीदड, सूअर, और भेडिया देखा है ? हिरण तेज दौडता है । मम्मन सेठ के बैल को देखने के लिए राजा श्रेणिक भी उसके घर गया था । लोग बकरे और भैंसे की बलि क्यों देते हैं ? कुत्ते ने किसको काटा ? कुतिया के कितने बच्चे हैं ? यह हा किसका है ? रात्रि में बिल्ली क्यों घूमती है ? बिच्छू के काटने से वह मर गया । पानी के बिना मछली मर जाती है । केकड़ा आदि पानी में रहते हैं । कछुआ, मगर, मेंढक, क्रियाविशेषण के प्रयोग करो साध्वियां सुंदर गाती हैं । बालक तेज दौडता है । बालिका मधुर बोलती है । बूढा धीरे-धीरे चलता है । पिताजी सत्य बोलते हैं । रमेश सुंदर लिखता है। आंखों से बुरा मत देखो । कानों से बुरा मत सुनो। मुंह से बुरा मत बोलो। बालिका जोर से बोलती है । लोकप्रकाश अच्छा बोलता है । अभ्यास १. क्रियाविशेषण में एक वचन और नपुंसकलिंग क्यों होता है ? २. क्रियाविशेषण में कौन-सी विभक्ति होती है ? ३. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप बताओ और उन्हें वाक्यों में प्रयुक्त करो भेडिया, बैल, बिच्छू, केकडा, मगर, लोमडी, भालू ।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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