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________________ १०४ वाक्यरचना बोध हरियाणा को छोडकर वर्षा हुई। उसकी कीति हिमालय तक फैल गई। गांव के बाहर बगीचा है। वह परोक्ष में गुरु की निंदा करता है । आत्मा में मेरा विश्वास है। राजा के पास चापलूस अधिक है । प्रत्येक बालक को यह पाठ याद करना चाहिए । अधिक मीठा नहीं खाना चाहिए। - अनुवाद करो वैद्य बीमार को खिचडी खाने के लिए कहता है । तुम्हारी मामी ने आज पूए क्यों बनाए हैं ? भूपेन्द्र को सेवई और गुडधानी (गुडराब) अच्छी नहीं लगती। ईर्ष्यावश उसने दाल में अधिक नमक डाल दिया । शक्कर और चीनी में क्या अन्तर है ? विजय ने आज कितनी पूरियां खाई थी ? मोहन भोजन के बाद थोड़ा मट्ठा पीता है। क्या तुमने कभी सत्तू खाये हैं ? मोहन की दादी लहसुन नहीं खाती है। प्रशान्त पढने के लिए चेष्टा करता है। छात्र अध्यापक से ज्ञान सीखता है। आचार्यश्री तुलसी ने लगभग ५०० व्यक्तियों को दीक्षा प्रदान की है। अभ्यास .: १. नीचे लिखे शब्दों के अव्ययीभाव समास के रूप बनाएं। (क) स्त्रीषु (ङ) कालो: पश्चात् (झ) अक्षिणी प्रति (ख) गुरोः समीपं (च) गुर्जराणां समृद्धिः . (ब) दृषदः समीपं (ग) जनानां अभावः (च) मुनेः सदृशः (ट) जैनानां संपत्तिः (घ) भिक्षोः ख्याति: (ज) तुषेन सहितम् । - २. किस अर्थ में कौनसा अव्यय होता है ? प्रत्येक अव्यय के दो-दो उदाहरण दो। ३. अव्ययीभाव में कौनसा लिंग होता है ? ४. अव्ययीभाव में अकारांत, इकारांत, उकारांत और हसांत शब्दों के लिए कौन-कौन से नियम ध्यान में रखने होंगे। वे नियम क्या विधान करते हैं ? ५. पञ्चन और षष् शब्दों के रूप लिखो। ६. आशसिङ् धातु के रूप लिखो। ७. नीचे लिखे शब्दों के संस्कृत रूप बतायेंखिचडी, खीर, चीनी, नमक, सत्तू, सेवई, लहसुन, दाल ।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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