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________________ मणो मुत्तो रुसावेगा, मदी मुत्ता दुरग्गहा। सया मुत्तो परासत्ती, वंदे सम्मदिसायरं ॥40॥ अन्वयार्थ-(रुसावेगा) रोष और आवेग से जिनका (मणो मुत्तो) मन मुक्त है, (मदी मुत्तो दुरग्गहा) दुराग्रह से मति मुक्त है (सयामुत्तो परासती) जो सदा पर की आसक्ति से मुक्त हैं उन (सम्मदिसायरं) सन्मतिसागर को (वंदे) वंदन करता हूँ। अर्थ-रोष और आवेग से जिनका मन मुक्त है, दुराग्रह से मति मुक्त है, जो सदा पर की आसक्ति से मुक्त हैं उन श्री सन्मतिसागर को वंदन करता हूँ। बोहगं जणसंबोहिं, दिट्ठि-दायं सुदंसणिं। चागिं चाग-समुद्देसि, वंदे सम्मदिसायरं ॥1॥ अन्वयार्थ-(जणसंबोहिं) जन संबोधन करनेवाले (बोहगं) बोधक (दिट्ठि दायं) दृष्टि देनेवाले (सुदंसणि) सम्यकग्दर्शन युक्त (चाग-समुद्देसी) त्याग का उपदेश देनेवाले (चागि) त्यागी (सम्मदिसायरं) सन्मतिसागर को (वंदे) वंदन करता अर्थ-जन संबोधन करनेवाले, बोधक दृष्टि देनेवाले सम्यग्दर्शन युक्त, त्याग का उपदेश देनेवाले त्यागी श्री सन्मतिसागर को वंदन करता हूँ। सयं परिक्खगं चित्ते, परिक्खगं तेजसा परं। अप्पाणंद-सरे मग्गं, वंदे सम्मदिसायरं ॥42॥ अन्वयार्थ-(चित्ते) चित्त में (सयं परिक्खगं) स्वयं की परीक्षा करने वाले (परं तेजसा परिक्खगं) दूसरे की तेज से परीक्षा करनेवाले (अप्पाणंद सरे मग्गं) आत्मानंद सरोवर में मग्न (सम्मदिसायरं) सन्मतिसागर को (वंदे) वंदन करता हूँ। अर्थ-चित्त में स्वयं की परीक्षा करनेवाले, दूसरे की तेज से परीक्षा करनेवाले, आत्मानंद सरोवर में मग्न श्री सन्मतिसागर को वंदन करता हूँ। विगदं-विगदं अत्थि, आसण्णिदं अणागदं। वट्टमाणं विगासेज, वंदे सम्मदिसायरं ॥43॥ अन्वयार्थ-(विगदं-विगदं अत्थि) विगत विगत है (आसण्णिदं अणागदं) अनागद आशान्वित है, इसलिए (वट्टमाणं विगासेज) वर्तमान का विकास करो, ऐसा बतानेवाले (सम्मदिसायरं) सन्मतिसागर को (वंदे) वंदन करता हूँ। ____ अर्थ-विगत विगत है, अनागत आशान्वित है इसलिए वर्तमान का विकास करो ऐसा बतानेवाले श्री सन्मतिसागर को वंदन करता हूँ। पसंसाए पराकट्ठे, सोत्ता णिंदं अकप्पिगं। दुवे संतुलिदं चित्तं, वंदे सम्मदिसायरं ॥44॥ 364 :: सुनील प्राकृत समग्र
SR No.032393
Book TitleSunil Prakrit Samagra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain, Damodar Shastri, Mahendrakumar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2016
Total Pages412
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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