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________________ अन्वयार्थ-(अत्तस्स चिंतणे) आत्मा के चिंतन करने पर (साहीणं च सुहं णाणं) स्वाधीन सुख व ज्ञान (हवे) होता है, किंतु (तं मुत्ता) उसे छोड़कर (मूढ) मूढजन (दुक्खदं) दु:खदायक (सुहाभासं) सुखाभास को (इच्छंति) चाहते हैं। भावार्थ-आत्मा के चिंतन करने पर स्वाधीन सुख व ज्ञान होता है। किंतु उसे छोड़कर मोहीजन दु:खदायक सुखाभास में ही रमते हैं। मोही की दशा चत्ता णियप्पझाणं च, परवत्थुम्मि मुज्झदि। सो मूढो रयणं चत्ता, संचीयते हि पत्थरे ॥22॥ अन्वयार्थ-(णियप्पझाणं) निजात्मध्यान को (चत्ता) छोड़कर (जो) (परवत्थुम्मि) परवस्तुओं में (मुज्झदि) मोहित होता है (सो मूढो) वह मूढ़ (रयणं चत्ता) रत्न को छोड़कर (संचीयंते हि पत्थरे) पाषाणखंड संचित करता है। भावार्थ-निजात्मध्यान को छोड़कर जो परवस्तुओं में मोहित होता है, वह मूढ़ पाषाणखंडों का संचय करता है ऐसा मानना चाहिए। वस्तुतः वस्तुएँ मेरी हैं नहीं णाहं कस्स ण मे कोई, अस्सि जगे य वत्थुदो। तम्हा अण्णत्थ मे चिंता, णिप्फला हि पवट्टदे॥23॥ अन्वयार्थ-(वत्थुदो) वस्तुतः(अस्सि जगे) इस जगत में (णाहं कस्स ण मे कोई) न मैं किसी का हूँ और न मेरा कोई है (तम्हा) इसलिए (अण्णत्थ मे चिंता) अन्यत्र मेरी चिंता (णिप्फलं हि पवट्टदे) निष्फल ही वर्तती है। भावार्थ-वस्तुतः इस जगत में कोई वस्तु या व्यक्ति मेरा नहीं, और न ही मैं किसी का हूँ, ऐसे में आत्मा के अलावा अन्य का चिंतन मेरे लिए निष्फल ही है। निश्चित बुद्धि वाले ही सिद्ध होते हैं जे जादा जंति जाहिंति, णिव्वुदिं पुरिसोत्तमा। पयत्थणिण्णयं किच्चा, अप्परूवे अवद्विदा॥24॥ अन्वयार्थ-(जे) जो (पुरिसोत्तमा) पुरुषोत्तम (णिव्वुदि) निर्वाण को (जादा) गये हैं (जंति) जा रहे हैं (जाहिति) जायेंगे वे सब (पयत्थणिण्णयं किच्चा) पदार्थों का निर्णय करके (अप्परूवे अवठिदा) आत्मरूप में अवस्थित होकर के। भावार्थ-जो पुरुषोत्तम निर्वाण (मोक्ष) को गए हैं, जा रहे हैं अथवा जायेंगे, वे सब पदार्थों का निर्णय कर व आत्मस्वरूप में स्थिर होकर ही सिद्ध हुए हैं, हो रहे हैं, तथा होंगे, बिना भेद विज्ञान के मोक्षमार्ग प्रारंभ नहीं होता। णियप्पन्झाण-सारो :: 311
SR No.032393
Book TitleSunil Prakrit Samagra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain, Damodar Shastri, Mahendrakumar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2016
Total Pages412
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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