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________________ मणुवगदीए झाणं, मणुवगदीए महव्वदं सयलं। मणुवगदीए वि तवो, मणुवगदीए वि होदि णिव्वाणं॥ अर्थात् इस मनुष्यगति में ही ज्ञान, सकल महाव्रत, श्रेष्ठ तप व मनुष्यगति में ही निर्वाण संभव है, अन्यत्र नहीं। __ केवल पाठ करने से लाभ नहीं पाठोण करेदि गुणं, लेहो सिस्सादियखादि वक्खाणो। साणुहव-णाणेण, कल्लाणं होई जीवाणं ॥82॥ अन्वयार्थ-(पाठो) पाठ (लेहो सिस्सादि य खादी वक्खाणो) लेख, शिष्यादि, ख्याति या व्याख्यान (ण करेदि गुणं) गुणकारी नहीं है [क्योंकि] (जीवाणं) जीवों का (कल्लाणं) कल्याण (साणुहव-णाणेण होई) स्वानुभव ज्ञान से होता है। अर्थ-केवल पाठ, लेख, शिष्यादि, ख्याति अथवा व्याख्यान गुणकारी नहीं है, क्योंकि जीवों का कल्याण स्वानुभव ज्ञान से होता है। व्याख्या-आत्मानुभव के बिना मात्र पाठ करने से, ग्रन्थ कंठस्थ कर लेने से, सुंदर लेख (पुस्तकें) लिख लेने से, दिग्गज शिष्यों की लंबी पंक्ति से अथवा अत्यन्त प्रभावक व्याख्यान (प्रवचन) दे लेने से ही जीव का कल्याण नहीं हो सकता। आत्मकल्याण की शुरुआत तो स्वानुभव ज्ञान से होती है। इसलिए आत्मकल्याणेच्छुओं को आत्मानुभूति की ओर लक्ष्य देना चाहिए। विषय-कषायों को जीतो दम-समदासत्येण य, विसय-कसायं जयेज सुभडव्व। बोहीए समाहीए, तरेज भवसायरं घोरं ॥83॥ अन्वयार्थ-(दम-समदासत्थेण य) दमन व समतारूपी शस्त्र से (सुभडव्व) सुभट के समान (विसय-कसायं जयेज) विषय-कषायों को जीतो (य) और (बोहीए समाहीए) बोधि व समाधि से (घोरं भवसायरं तरेज) घोर भवसागर तरो। अर्थ-दमन व समतारूपी शस्त्र से सुभट के समान विषय-कषायों को जीतो और बोधि तथा समाधि से संसार सागर तर जाओ। व्याख्या-पंचेन्द्रिय दमन करने से, मन को वश में करने से विषयवासनाओं पर विजय प्राप्त होती है तथा समता भाव धारण करने से कषाएँ जीती जाती हैं। अतः यहाँ ऐसा अलंकार किया है कि शमन व दमन रूपी शस्त्र से विषय व कषायरूपी सेना को जीतो। रत्नत्रयरूप बोधि तथा साम्यभावरूप समाधि के बल से भयंकर संसार रूपी समुद्र को तर जाओ, पार कर लो। ____ आचार्य कुन्दकुन्द देव ने प्रवचनसार (7) में चारित्र को ही धर्म कहा है। धर्म 292 :: सुनील प्राकृत समग्र
SR No.032393
Book TitleSunil Prakrit Samagra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain, Damodar Shastri, Mahendrakumar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2016
Total Pages412
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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