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________________ अन्वयार्थ-(णरत्तं) मानुषत्व (सुउले जम्म) सुकुल में जन्म (लच्छी) लक्ष्मी (बुद्धी) बुद्धि (सुसीलदा) सुशीलता [आदि] (विवेगेणं विणा) विवेक के बिना (सव्वे) सभी (गुणा) गुण (दोसा व) दोषों के समान (णिप्फला) निष्फल भावार्थ-मनुष्यता-दयालुता, अच्छे कुल में जन्म, बहुत सारी धन-सम्पत्ति, और सुशीलता आदि सभी गुण विवेक अर्थात् सोच-विचार की अच्छी क्षमता के बिना निष्फल दोषों के समान ही निष्फल हैं। पंडित और मुर्ख में अंतर णठं गदं अपत्तव्वं, णो हि सोचंति पंडिदा। पंडिदाणं च मुक्खाणं, विसेसो अत्थि दोण्ह वि॥64॥ अन्वयार्थ (णटुं) नष्ट हुए (गदं) गए हुए [तथा] (अपत्तव्वं) अप्राप्ति के योग्य [पदार्थ के विषय में] (पंडिदा) बुद्धिमान जन (णो सोचंति) शोक नहीं करते (हि) वस्तुतः (पंडिदाणं च मुक्खाणं) पंडित और मूर्ख (दोण्ह) दोनों के बीच (वि) यही (विसेसो) विशेषता (अत्थि) है। भावार्थ-नष्ट हुए, गए हुए और अप्राप्ति के योग्य पदार्थों के विषय में विवेकीजन शोक नहीं करते, अधिक विचार नहीं करते अपितु जिससे वर्तमान जीवन और भविष्य सुखमय हो ऐसा यत्न करते हैं, इसके विपरीत अज्ञानीजन नष्ट हुए, मरे हुए, चोरी गए हुए और अति-दुर्लभ भौतिक पदार्थों के सम्बन्ध में ही विचार करते हुए आर्त्त-रौद्रध्यान करते रहते हैं। वस्तुत: पंडित और मूर्ख में यही अन्तर है। वृद्ध कौन है तवे सुदे धिदिज्झाणे, विवेगे संजमे हि य। जे वुड्ढा सुळु ते वुड्ढा, सेङ-केसेहि णो पुणो॥5॥ अन्वयार्थ-(तवे सुदे धिदिज्झाणे विवेगे संजमे य) तप, श्रुत, धृति, ध्यान, विवेक और संयम में (जे) जो (सुट्ठ) अच्छी तरह से (वुड्ढा) वृद्ध हैं (हि) वस्तुतः (ते वुड्ढा) वे ही वृद्ध हैं (णो पुणो सेड-केसेहि) न कि सफेद बालों से। भावार्थ-जो तप, श्रुत-ज्ञान, धृति-धैर्य, ध्यान, विवेक शीलता, संयमसाधना आदि अनेक गुणों से युक्त हैं, वस्तुतः वे ही वृद्ध हैं; चाहे उनकी उम्र छोटी ही क्यों न हो। गुणों से वृद्ध ही वृद्ध है, न कि केवल सफेद बालों युक्त वृद्ध व्यक्ति। उसका जन्म निष्फल है धम्मत्थ-काम-मोक्खं च, उच्चकित्तिं दएज्ज जा। सा विज्जा जेण णाधीदा, तस्स जम्मो हि णिप्फलो॥66॥ लोग-णीदी :: 151
SR No.032393
Book TitleSunil Prakrit Samagra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain, Damodar Shastri, Mahendrakumar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2016
Total Pages412
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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