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________________ 111 7. सत्तम सम्मदी - झाण-विवेयण - संसार कारणं - महुरा चाउम्मासो, सम्मेद सिहर-चाउम्मासो, रांची चाउम्मासो कोलकत्ता चाउम्मासो, वीए वि चाउम्मासो - कडगे पवासो, आराए सम्माणं - डाकू वि दाणी - तित्थयराणं जम्मभूमि अउज्झा - इटावा पवेसो - अज्झप्प उवाही - भिंडचाउम्मासो - अइरिय-रदणं - वडगामादु दोणगिरी "परिणिवेदणं, दमोहखेत्तप्पवेसो जबलपुर वासो पहावी संकप्पो, भत्तिपहावो - दुग्गचाउम्मासो 132 8. अट्ठम सम्मदी - अपुव्वपहावी दुग्गो वि णामी - णागपुरस्स चाउम्मासो - दाहोद चाउम्मासो - उदयपुर पवासो - लोहारिया चाउम्मासो, पारसोला चाउम्मासो - संतसिरोमणी उवाही - रामगंज मंडी चाउम्मासो - कोटा पवासो - मदणगंज चाउम्मासो - वावर आगमणं - बलुंदाए पवेसो - जयपुर चाउम्मासो - दिल्लिं पडि-पट्ठाणं उन्नीस
SR No.032392
Book TitleSammadi Sambhavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2018
Total Pages280
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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