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________________ नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं ८६६ ४३ २०२० १९६३ पापाड़ १. पूज्य श्री हस्तीमलजी म. सा. २. मुनि श्री वैशाख शुक्ला १३ संवत् २०२० को श्री छोटे लक्ष्मीचन्दजी ३. मुनि श्री माणकचन्दजी मगनमुनिजी एवं श्री मानचन्द्र जी म.सा. की ४. मुनि श्रीजयंत जी ५. श्री मगनमुनि जी जोधपुर के हाई स्कूल प्रांगण में दीक्षा । मुनि श्री ६.मनि श्री मानचन्दजी ७. मुनि श्री हीराचन्द जी सुगनचन्द जी म.सा.का ज्येष्ठ शुक्ला १० संवत् ठाणा७ २०२० को जाजीवाल में स्वर्गवास । पीपाड़ में पाली - १. पं. रत्न मुनि श्री लक्ष्मीचन्दजी २. मुनि श्री हीराचन्द्र जी म.सा. की कार्तिक शुक्ला मनि श्री रतनजी ३. मुनि श्री श्रीचन्दजी ठाणा ३६ संवत् २०२० को श्रमण दीक्षा । माघ शुक्ला जोधपुर - मुनि श्री लाभचन्दजी २. मुनि श्री द्वितीया संवत् २०२० को महासती श्री तेजकंवर चौथमलजी ठाणा २ जी म.सा. की जयपुर में भागवती दीक्षा। ४४ २०२१ १९६४ भोपालगढ़ १. पूज्य श्री हस्तीमलजी म. सा. २. मुनि श्री छोटे लक्ष्मीचन्दजी म, ३. श्री माणकमुनि जी ४. श्री रतन मुनिजी ५. श्री श्रीचंद जी म.६. श्री मगन मुनि जी म.७. श्री हीरामुनिजी म. ठाणा७ मेड़ता - १. पं. लक्ष्मीचन्दजी म. २. श्री जयन्तमुनि जी म. ३. श्री मानमुनि जी म. ||४५ २०२२ १९६५ वालोतरा। १. पूज्य श्री हस्तीमलजी म. सा. २. मुनि श्री इस चातुर्मास में श्रावक संघ में विशेष धर्मध्यान छोटे लक्ष्मीचन्दजी ३. श्री माणकमुनि जी ४. की वृद्धि हुई और इतिहास निर्माण समिति की| श्री जयन्त मुनि जी ५. श्री श्रीचंदजी म.६. श्री योजना बनी, कार्य प्रारम्भ हुआ और आचार्य श्री मगनमुनि जी ७. श्री हीरामुनि जी ठाणा ७ के उपदेश से सिंवांची पट्टी का वर्षों से उलझा कोसाणा - १. पं. लक्ष्मीचंदजी म. २. श्री हुआ झगड़ा समाप्त हुआ तथा समाज में एकता रतनमुनि जी ३. श्री मानमुनि जी म. ठाणा ३ का संचार हआ। २०२३ १९६६ अहमदाबाद १. पूज्य श्री हस्तीमलजी म. सा. २. पं. रत्न श्री स्थानक बधा आश्रम, आगम मंदिर में विराजे । लक्ष्मीचन्द म., ३. श्री छोटे लक्ष्मीचंदजी म. ४. महासती जी श्री सुन्दर कंवर जी म. ठाणा ३ श्री माणकमनि जी, ५. श्री रतनमुनिजी ५. श्री स्थानकवासी सोसायटी में चातुर्मासार्थ विराजे।। जयन्त मुनि जी ७. श्री श्रीचन्दजी म.८. श्री मगनमुनि जी म. ९. श्री मानमुनि जी म.१०. श्री हीरामुनि जी ठाणा १० |४७ २०२४ १९६७ जयपुर १. पूज्य श्री हस्तीमलजी म. सा. २. पं. रत्ल श्री वैशाख शक्ला ६ संवत् २०२४ को महासती श्री लक्ष्मीचंदजी म. ३. मुनि श्री छोटे लक्ष्मीचंदजी रतनकंवर जी म.सा. का जयपुर में श्रमणी जीवन ४. श्री माणकमुनि जी म. ५. श्री जयन्त मनि जी में प्रवेश। महासती श्री बदनकंवरजी म, श्री ६.श्री श्रीचन्दजी म.७. श्री मगनमनि जी ८.श्री लाडकंवर जी म, श्री मैनासुन्दरी जी म. आदि मानमुनिजी ९. श्री हीरामुनिजी ठाणा ९ ठाणा का भी चातुर्मास जयपुर । संवत् २०२४| की मार्गशीर्ष कृष्णा २ को चरितनायक ने श्रमण संघ से पृथक् होने की घोषणा आदर्शनगर जयपुर में की। ४८ २०२५ १९६८ पाली १. आचार्य श्री हस्तीमलजी म. सा. २. छोटे स्थान - सराणा मार्केट, पाली लक्ष्मीचन्दजी म. ३. श्री माणकमनि जी ४. श्री महासती श्री सन्दरकंवरजी म.सा. आदि सतीवृन्द श्रीचंदजी म. ५. श्री मगनमनिजी म. ६. श्री का चातुर्मास भी पाली में ही था। हीरामुनि जी ठाणा ६ भोपालगढ़- १. पं. रत्न श्री लक्ष्मीचंदजी म. २.श्री जयन्तमनि जी ३.श्री मानमनि जी ठाणा३
SR No.032385
Book TitleNamo Purisavaragandh Hatthinam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain and Others
PublisherAkhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
Publication Year2003
Total Pages960
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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