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________________ ८३२ नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं | महासती श्री सुन्दरकंवर जी म.सा. की निश्रा में जोधपुर में भागवती दीक्षा अंगीकार की। आप सेवाभावी महासती हैं । महासती श्री शान्तिप्रभा जी म.सा. आपका जन्म इंदौर में वि.सं. २०१६ भाद्रपद शुक्ला एकादशी को हुआ। आपको पिता श्रीमान् इन्द्रचन्द जी | मेहता तथा माता श्रीमती चंचल बाई से बचपन में ही सुदृढ धार्मिक संस्कार प्राप्त हुए। आपने २३ वर्ष की यौवनावस्था में वि.सं. २०३९ पौष शुक्ला पंचमी १९ जनवरी १९८३ को जानकी नगर, | इंदौर में सरलहृदया महासती श्री सायरकंवर जी म.सा. की निश्रा में भागवती दीक्षा अंगीकार की । आपकी आवाज स्पष्ट एवं बुलन्द है तथा प्रभावी प्रवचन करती हैं। आप सेवाभावी एवं व्याख्यात्री महासती • हैं । महासती श्री ज्ञानलता जी म.सा. व्याख्यात्री महासती श्री ज्ञानलता जी म.सा. का जन्म कांचीपुरम (तमिलनाडु) में वि.सं. २०२१ भाद्रपद शुक्ला द्वितीया ८ सितम्बर १९६४ को हुआ । आपके पिता श्री पारसमलजी बोहरा तथा माता श्रीमती छोटी बाई हैं । • आपने १९ वर्ष की युवावस्था में वि.सं. २०४० मार्गशीर्ष शुक्ला चतुर्दशी सोमवार १९ दिसम्बर १९८३ को शासन प्रभाविका महासती श्री मैना सुन्दरी जी म.सा. की निश्रा में मद्रास में भागवती दीक्षा अंगीकार 1 आपकी प्रवचन शैली सरल, सरस एवं प्रभावोत्पादक हैं । आपने थोकड़ों एवं शास्त्रों का बहुत अच्छा अध्ययन | किया है । बजरिया सवाईमाधोपुर, गंगापुर सिटी आदि के चातुर्मास आपके नेतृत्व में सफल रहे हैं । महासती श्री दर्शनलता जी म.सा. • आपका जन्म वि.सं. २०२३ को शिरगुप्पा (रायचूर) में हुआ। आपके पिता श्री धनराज जी वेदमूथा तथा माता श्रीमती कान्ताबाईजी वेदमूथा थी । आपने १७ वर्ष की युवावस्था में वि.सं. २०४० मार्गशीर्ष शुक्ला चतुर्दशी को शासन प्रभाविका महासती श्री मैनासुन्दरी जी म.सा. की निश्रा में मद्रास में भागवती दीक्षा अंगीकार की । आप सेवाभावी महासती हैं । आपने सरल हृदया महासती श्री सायरकंवर जी म.सा. की सेवा में रहकर उनकी | अच्छी सेवा की है तथा अभी शासन प्रभाविका जी एवं महासती चन्द्रकला जी की सेवा में सन्नद्ध हैं । महासती श्री चारित्रलता जी म.सा. · आपका जन्म फाजिलाबाद (सवाई माधोपुर) में वि.सं. २०२६ फाल्गुन शुक्ला एकम ८ मार्च १९७० को | हुआ। आपके पिता सुश्रावक श्रीमान् प्रभुदयालजी जैन तथा माता श्रीमती ताराबाईजी हैं। आपने १४ वर्ष की वय में वि.सं. २०४० मार्गशीर्ष शुक्ला चतुर्दशी को शासन प्रभाविका महासती श्री | मैनासुन्दरी जी म.सा. की निश्रा में मद्रास में भागवती दीक्षा अंगीकार की । दीक्षित होकर आपने थोकड़ों एवं अनेक शास्त्रों का अध्ययन किया। आप मधुरभाषी एवं सेवाभावी महासती हैं ।
SR No.032385
Book TitleNamo Purisavaragandh Hatthinam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain and Others
PublisherAkhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
Publication Year2003
Total Pages960
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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