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________________ अनुक्रमणिका "भारतीय राजनीति : जैन पुराण साहित्य संदर्भ में" विषय पृष्ठ संख्या प्रास्ताविक कृतज्ञता ज्ञापन संकेत सूची अध्याय १ - भारत में राजनीति - शास्त्र की प्राचीन परम्परा अध्याय २ – जैन पुराण साहित्य का परिचय अध्याय ३ – जैन पुराण साहित्य में राजनीति अध्याय ४- राज्य एवं राजा - क ग ग घ ङ १ – १६ १७-३८ ३६-५० ५१ ५१ (II) राज्य के प्रकार ५३ (iv) राज्य से कार्य । ५५ १. (क) राज्य का स्वरूप (I) राज्य की उत्पत्ति ५१ (III) राज्य के उद्देश्य ५४ (ख) राज्य के सिद्धान्त ( 1 ) राज्य के सप्तांग सिद्धान्त ५५ ( II ) राज्य के चतुष्टय सिद्धान्त ५६ (HI) राज्य के षड् सिद्धान्त । ६० २. राजा ७७–१०७ (I) राजा का महत्व ६२ ( II ) राजा की उत्पत्ति ६७ (III) राज्याभिषेक ८२ (IV) युवराज और उसका उत्तराधिकारी ८८ (V) राज्य के उत्तराधिकारी का प्रश्न ८ (VI) राजा के प्रधान पुरुष ६१ (VII) राजा की उपाधियां ६४ (VIII) राजा के प्रकार ६५. ( IX) राजा के गुण ६७ (X) राजा प्रजा का सम्बन्ध १०० (XI) राजा के कर्त्तव्य १०१ । अध्याय ५ शासन व्यवस्था (क) मन्त्रिपरिषद १०८ - २०७ १०६ (I) मन्त्रिपरिषद की रचना १११ (II) मन्त्रियों की नियुक्ति ११३ (III) मन्त्रियों की योग्यता ११५ IV मन्त्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या ११७ (V) मन्त्रि परिषद के कार्यं ११८ ।
SR No.032350
Book TitleBharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhu Smitashreeji
PublisherDurgadevi Nahta Charity Trust
Publication Year1991
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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