SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री सहजानंदघन गुरूगाथा . दक्षिणापथ की साधनायात्रा अर्पण इस साधनायात्रा के प्रेरक निमित्त उपकारक अग्रज एवं आश्रमाध्यक्ष स्व. पू. चंदुभाई टोलिया की पवित्र आत्मा को...... जिनके संग हंपी के आश्रम-तीर्थ पर वस्तुपाल तेजपालवत् अपूर्व जिनालय-जैन विश्वविद्यालय दोनों का निर्माण करने की भव्य भावनाएँ स्वप्नदृष्टा बनकर __ सद्गुरुदेव सहजानंदघनजी के चरणों में बैठकर भावित की, प्रयत्न-आयोजन बनाये... परंतु उन सब के साकार होने से पूर्व ही वे दोनों अचानक, असमय, अप्रत्याशित रूप से स्वधाम सिधारे... __ पंछी के नीड़ नष्ट हुए प्रत्येक पर पर तीर पिरोये गए और स्वप्न अधूरे रहे, जीवन प्रवाह अति वेग से बहते रहे ! कब होंगी वे विराट भावनाएँ इस अल्पात्मा के द्वारा, अल्पजीवन में अब पूरी ? प्रतापकुमार ज. टोलिया (81)
SR No.032332
Book TitleSahajanandghan Guru Gatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherJina Bharati
Publication Year2015
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy