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________________ जिस घर के द्वार एक कमलवाले हों अथवा सर्वथा कमलरहित ही हों और नीचे की अपेक्षा ऊपर कीओर कुछ चौड़े हों, ऐसे द्वारवाले घर में लक्ष्मी वासनहीं करती। गोल कोने वाले, एक दो या तीन कोने वाले तथा दाहिनी और बांयी ओर लंबा हो ऐसे घर में कभी भी निवास नहीं करना चाहिए। जिस घर के द्वार अपने आप बंद हो जायँ तथा खुल जायें उसे अशुभ समझें। घर के मुख्य द्वार कलश आदि के चित्रवाले हों यह बहुत ही शुभकारक है। ऊपर जो वेध आदि दोष बताये हैं उसमें छज्जा, दीवार या रास्ते का अंतर हो तो वह दोषकारक नहीं है। शाला तथा कमरे की कुक्षी और पृष्ठभाग द्वार के भाग में हो तो यह अत्यंत दोषकारक है। घर में चित्र का विचार ___ योगिनियों के नाटक, महाभारत - रामायण या राजाओं के युद्ध, ऋषियों के चरित्र और देवों के चरित्र आदि विषयों के चित्र घर में चित्रित नहीं करने चाहिए। फलवाले वृक्ष, पुष्पलताएँ, सरस्वती देवी, नवनिधानुयुक्त लक्ष्मीदेवी, कलश, वर्धापन आदि मांगलिक चिह्न तथा सुंदर स्वप्नों की माला जैसे चित्र घर में चित्रित करना शुभ है। पुरुष के शरीर की तरह घर का भी कोई अंग हीन अथवा अधिक हो तो शोभादायक नहीं होता। अतः शिल्पशास्त्र के अनुसार शुद्ध घर निर्मित करना चाहिए जिससे वह ऋद्धिकारक बनें। घर के सामने जिनेश्वर की पीठ हो, सूर्य अथवा महादेव की दृष्टि हो और विष्णु की बायीं भुजा हो तो वह अशुभ है। चंडीदेवी सर्व स्थानों में अशुभ है। ब्रह्मा की चारों दिशाएँ अशुभ हैं। इसलिये ऐसे स्थानों में घर बनाना नहीं चाहिए। सर्वोत्तम घर जिन सन्मुख हो। घर के सामने जिनेश्वर की दृष्टि.अथवा दाहिनी भुजा हो तथा महादेव की पीठ अथवा बायीं भूजा हो तो कल्याणदायक है। किंतु अगर इससे उलटा हो तो अत्यंत दुःखदायक है। परंतु अगर बीच में रास्ते का अंतर हो तो दोष नहीं है। मंदिर की ध्वजछाया आदि का फल प्रथम और चौथे प्रहर को छोड़कर दूसरे और तीसरे प्रहर में मंदिर की ध्वजा आदि की छाया अगर घर पर पड़ती हो तो दुःखकारक है, इसलिये इस छाया को छोड़कर घर बनाना चाहिए। अर्थात् दूसरे और तीसरे प्रहर में मंदिर की ध्वजाआदि की छाया पड़ती हो ऐसे स्थान में घर का निर्माण न करना चाहिए। जैन वास्तुसार 54
SR No.032324
Book TitleJan Jan Ka Jain Vastusara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherVardhaman Bharati International Foundation
Publication Year2009
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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