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________________ जब मुर्दे भी जागते हैं ! ... . . (जलियाँवाला बाग एवं समग्र भारत के .. शहीदों की वेदना का क्रान्तिकारी एकांकी नाटक) प्रा. प्रतापकुमार टोलिया वर्तमान के महाभ्रष्ट शासक नेताओं से पूछते हैं मुर्दास्थानों से जाग कर आते हुए सभी शहीद : "क्या यही है हमारे सपनों का भारत ? कि जिसके लिये हमने जान बिछाये थे ?" zna Proor. UI. 15.6.18 - मुख्य कलाकार साहित्य, संगीत, कला, योगेन के पात्र में विद्युत् त्रिवेदी निसर्गोपचारादि की प्रमुख कलानिर्देशक जीवन लक्षी सांस्कृतिक शिक्षा-संस्था श्री रामकुमार राजप्रिय एवं प्रा. प्रतापभाई। सर्वोदय-प्रतिष्ठान टोलिया के संचालन-निर्देशन में अमरेली-अहमदाबाद प्रस्तोता एवं प्रधान-प्रवक्ता - .. श्री उमेशभाई जोशी (जिस के मूल में विनोबाजी का . संगीत : श्रीमती सुमित्रा टोलिया सर्वोदय विचार रहा है ऐसा पार्श्व-संगीत, ध्वनि, वाणी नियोजक - एक राष्ट्रीय नाटक) प्रा. अनूपचन्द्र भायाणी संगीत-वृंद संचालक (दूसरा ऐसा नाटक है गांधीजी श्री हिमांशु देसाई एवं उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शक कला-निर्माता श्रीमद् राजचंद्रजी विषयक श्री चंपकभाई मुलाणी "महासैनिक", कला-दृश्य-नियोजक सर्वोदय प्रतिष्ठान श्री कमल त्रिवेदी प्रकाश नियोजक प्रस्तुत करता है: श्री नटुभाई गुजरात के सुप्रसिद्ध कला-दिग्दर्शक स्टेज व्यवस्था-संचालक श्री रामकुमार राजप्रिय के मार्गदर्शन में देवचन्द्र रामाणी, नटु शुक्ल, किरीट पटेल | दृश्य, प्रकाश, ध्वनि, संगीत, कथा, इस नाटक के अभिनीत प्रयोग: हैदराबाद | संवाद एवं अभिनय के नूतन विनियोग (आन्ध्र), अहमदाबाद, अमरेली और अब से पूर्ण करुणान्त हिन्दी नाटकप्रस्तुत हैं आगामी प्रयोग __जब मुर्दे भी जागते है !" • अहमदाबाद : ३० अप्रैल, १९६२ • हैदराबाद (आन्ध्र) : ५, ६, ७, मई, १९६२ (जलियांवाला बाग के शहीदों की • मद्रास : १०, ११, मई, १९६२ तथ्यानुभूतियुक्त संवेदन-कथा) • बेंगलोर : १२, १३, १४, मई, १९६२ लेखक दिग्दर्शक संगीत नियोजक • मेंगलोर : १९, २, मई, १९६२ श्री प्रतापभाई ज. टोलिया, • कोचीन : २१, २२ मई, १९६२ एम.ए., साहित्यरत्न • बम्बई : २,३, जून, १९६२ | प्राध्यापक, प्रतापराय आर्ट्स कॉलेज, और विशेष में :- पूना, कलकत्ता, बड़ौदा, (1961-1962) सूरत, भावनगर, राजकोट, सर्वत्र । अमरेली, नियामक, सर्वोदय-प्रतिष्ठान, ..... मेरे लिए वतन का अमरेली-अहमदाबाद. हर जरी देवता है!" उन शहीदों की याद में जिन्होंने अपने कमर्शियल प्रिन्टींग प्रेस, बेगमबाज़ार, | खून से हिन्दोस्तों के बाग को सींचा । हैदराबाद "ए मेरे वतन के लोगों ! ज़रा आँख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुरबानी।" प्रकाशक वर्धमान भारती इन्टरनेशनल फाउन्डेशन प्रभात कोम्पलेक्स, के.जी. रोड, बेंगलोर-560009. (फोन : 080-26667882/09611231580) E-mail: pratapkumartoliya@gmail.com
SR No.032300
Book TitleJab Murdebhi Jagte Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherVardhaman Bharati International Foundation
Publication Year
Total Pages18
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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