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________________ Opicuezat direct ou indirect ferien 2127 dai electriadn मारिनी हानाधिछाप्यषसायभान प्रापडोमे राज्य बने तो, ब्लेडापनहीं. हये, डाला गयां होय मने मा व्यवसायने छोऽयुंडे जलघु में शष्य न होय तो, लयमा तेता भाटेनो लारोलार पश्चाताप-मलाप राणयो तथा, थोऽi-योsहिषसे हो माया लगपंत पासे मालोयना-प्रायश्चित पनि, खात्मानी शुद्धि री पी. मांसजिनी भोटां पाये पिराधिना धायसेषी शेटरी, भिटलही माहिए। भापडोगायसापेनही सापांजभोट मारल-समारंलन, ज्ञानी लावतोऽरनर गतिनां आरएए तरीके बताये छे.-- ओठ धर्मशाणाहिनी इभमां, सौ प्रथमवार प्रवेश करता, साईटपंजो मानिनोनो प्रयास न होवाथी, डोई. लोडो मधीराईने सीधे, खेठी साथे, तरतर, स्वीय मोर्डनां तमामे तमामाजानो टाइट यारी नामे छे.. मारीते ऽस्यामां, लिनारी ससंज्यमनिडायनां ब्जयोनी हिंसा थती होयाथी, धीर-पूर्व, त्यांना डो' अपीतां माणसने पछी पुरीने, शांतिथी, सोछामा सोछांजरनो मापीने, स्पहार्य सिद्ध हुरी शहाय, यी सोछामां मोछी तेउडायनी विराधना घाया पोऽनां लग्नप्रसंगमां, तभने भइतमामोल, गरमागरम-टेस्टी-- मसालेदार खलक्ष्य पानशीनो रिसोर्थनी प्रशंसा, ल्सयी पहन उरी शहाय. प्रशंसा उश्यां गयां अघपा भनधी ने गाडयां गयां तो, सामुहिमस्तरे, मोटो पायेग्थयेटमसंज्या संनिहायनांपोनी पिराधिनानांतमारे लागीधर थपुं पडशे साथालीने तो प्रशंसा न* डरी शाय. परंतु, सामंत्रए मापनार तमाशं स्वहन मधपा भित्रना पछवां छताय मौन रहेग, मने बोलघुन पडे तो पातने उडाडी. हेवी-- टानी हेयु. परंतु, प्रशंसाना होंगे-होरो लेडापानी ल्ल तो नगरी राहाय. (10 सेऽवार जाटनी स्पीय.यानुउरतां, खसष्य-मसंध्य तेउडायनां योगी पिराधना यती होपाधी, सभा-विपेडी न्यायाणां प्रापठो, -पोतानां सोक्सि-घर-संडास- जाधम साटि हरेऽस्थगो. पर, ले शध्य होय तो, लाईटनी स्वीय यालु उरयानुटाणे छे. मने नछूट हाय डरपुर पडे तो पए, उंण-पेना- पश्चाताप साये, खोछामांखोछी पिराधिना उरीने यलायी लेपानो पूर्णतया प्रयत्न उरे छे. पालघर
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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