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________________ No. Date . . - प्रश्नःाखा ग्रंथर्नु जयनपियार' नामं शा मारेर क्वाजा सा ग्रंथां, नुय गंगे विशेषथी पियारए। डरपानी छे. तेथी,मा ग्रंथY नाम पडायुं छे, 'शुप-वियार'. .4 + विया२ = नववियार प्रश्नः मल्यासकभमां सौ प्रथम नुव-वियार शा माटेर नवाल: लूताणनां सनंता लयो तथा सा लयभां पा, हुमागां सुधी मापी जधांसे, सनुप पहार्थोनी तथा मन्यन्नुयोनी पियारएांडरी छे. परंतु, स्वन्नुपनो पियार प्राय: हरीने नथी ?. सेना सीधे ४, खाप यार गतितुं लपलमा हल याटुं छे. सेलेखनाहिडागधी, नातनी चिंता- सुधारणां-पधारण माटेनी थामती सापही लूलतुं पुनरावर्तन महापया सने स्प यात्म-अप प्यनी चिंता-सुधारानी शश्यात डरया मार्ट ...... प्रश्नः नव-विथार मां शु लाशो ? रवाना न्योना प्रहार , उयार्छ, सायुष्य, हिंसाधी जयपानां उपायो माटि. प्रमः पपियार नां माध्यमे अपत्या पाणवायी शंटालर रुपामा नैसी उरनी वैसी लरनी, जोयेगा पही पायेगा, युं पायो तेयुं खो, नेयुं मापी तेषू भणे, युं को तेयुं मापो. " सा नियमो अनुसारे, खापही साता, सुप, शांति, समता, समाधि, साति सने परभगति (मोक्ष) र्नु Reservation हरीझर्वेशन) डशपयां माटे सन्यने पा सुज, शांति, शाता, समता, समाधि सापपी गरी छे. न्नुपध्या पागनार बीनने शाता, समाधि सापपाने दीधे , पोते पए सशाता रोगनो शिकार नही न बने. रोगना उध्यमा पा, समलापे पीडाने सहन हुरी रा. मृत्यु समाधिमय मणे, परसोड सहगतिमय बने सने समयमा परमगति भगे.हात. पोतानी शाता- समाधि भाटे र डुलाइ नील भुषोने सशाता, यसमाथि मापीने शुयन लुपनारां संसारीयोने, प्रायः हरीने, यसमाधि भृत्यु भणे छे. तेसोने समाधि भरा हुर्मल छे.जी KOKUYO W-NB2BOU
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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