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________________ No. Date - कासालनेल मसण्यापडायनांगा@षो प्रत्येनी घ्याथी, हृयायधुने पधुसंवेदनशील मन्युमा पाएीनां टीपामांमसंष्य जुयो होय तोलामधी-मेड डोलधी स्नाननां माध्यमे डेलां जयोनी | हिंसा थशे?" "हुभए सुधी में भाश नाशपंत हेहनी शोला गजातर पाएीनां डेटलांलयोनी हिंसपारी नांजी छे." " सारयां मधांनुयोनी हिंसा हुरीने मालपरम्टान हुन्नरो लिटर, पाएी हंपामरी यूट्यो धुंछतांय सोही-भांस-परंनाहि अशुयिधी लरेलु सा शरीर, हन पहा मेने मेवामा रहूंछे." - मारीते, मेहहोटलासुधी पातनातनी पियाराहारऽरीते; खंते"हये पछी अपनलर माटेमारे स्नान न रघुगः- सेयो खलिग्रह पर्छने जायभमांधी बहार नीठण्यां खा सालणीने सापाएपशुजरशुं पाएगीनां मसंज्य योनी ध्या पाणपां भाटे, नुपनलर माटे स्नाननो त्या उरनारनी यात लख्यां पछी, मनसे-भास्तान भाटेवपशतां पाणीनुं प्रभाए। तो सापां जुपनभां घटी नलघुले, नाही समठ के मापए यहोर, नहोरपने शुष्ठ धर्म गर्दा . रासापां घराइष्टरी माहि तमाम स्थगोमां,सापां द्वारा + खाप परिपार-मित्रपर्तुण द्वारा, रोjा नुपनमा, डायां पाएगीनो पराश मोछाममोछोधाय; तेनीजहाणन राजवी. डारएडे, डोईपए पस्तूमा खथपायोपिएास्थणे, पुष्ठण नुपोत्पत्ति मुज्य का डरए तो "लेट' सम्छे लीनाशाछे) लेहनां सलापे, नपी का पोत्पत्तिथवानीसंलापनालालग रहेतीनधी, (श जाधमाहि रेड स्थगोमां पाएगी ढोगायेच्न रहे, तेनी प्री डागलुखेपी. पाणी ढोगायेj रहेपाथी,गंडी पाथाय ने भरछर फोरेसने क्लुपोपए पेहा थाय. पाएगीमेड श्यामेज पधारे पथु रहे तो तेमां लीसनसेवाण लाठी नया में पाएगी ने बेघडीधी यधारे रहे, तोजसंज्या संठिम पंयेन्द्रिय नुषी उत्पन्न थाय. मीन उपर पाएी ढोगपाथी, डोईसपसीनय .. पडी पाभय. पाणीपुल्लुशनपाधी उडतांनुपहलु...तेमां पडीने सरी नय.. र समुद्र किनारे इश्यां नार, डिनारानां उछातां मोनमा शोषधी शोषधी उलां रहे, तो माना समुद्रनां पाएीना उपलोगनी अनुमानानो 5 बागे. तेथी; योपाटी, छु जीय, माधवन (ह KOKUYO W-NB250U
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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