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________________ का प्रलुनी न तो सापांमात्मानेर परमात्मा स्पस्पे मनापा भाटे उरपानी छमायां पपिन माशयथी मनु ममारे खेड मारे स्नान राय छे., ते पाहा महपमांसप प्रमाणामा, शागेला, परिमीत रथी, यएगान्डागनुपर्पऽ ऽरयूं ईमे. गतोन्मतेस्नानाज्ञानीलणापलने भान्यजनेखापापविना सारायधी स्नान हुश्नार सुप्रापद्योग स्नान मारे पन्यासी पधारे पाए। पापरी न शनावी सभष्टाने न होय तेलले सडधी, पोपी, रोड, घोट डोलथी स्नान करे, परंतु, तात्विष्ठ समा भेगपनार खात्मा तो मोछामां मोठी पाणीनां योनी विराधना ज्शने, स्नानघोतानुं प्रयोजना साधी से छे. मुंबईमा रोपां मने श्राप भनी मार्थिलास्थिति पएा सारी होय सेवां) छे,डे रेसो, वर्षोथी स्नान भाटे, मात्र 3-४ लास पाणी वापरा छतांय, डोगंधाहिनी इरिया न माये. न्ने सापांगमपितमाशय पिना, व्यापा-आणनुमति विनापो प्रत्यः उपेक्षा लापाराजीने, रोड-होट डोलथी स्नान उरनारने मपठायनां खसज्य पायोनी लिनहरी हिंसानीभित्ते विशेधर्मबंध थाया छे. तेमनामात्माने डर्भधी लारे थप्पडे छे सनेलपांतरभां तिमां न्यूं पड़े छे. हुपे, तो पियारी तोयं उरघुछेर खागण लयांतरमा ध्यां-- गतिमा न्युं छे? डायां पाणीधी स्नान हुषाथी पण. डायां पाएीनां गुपो सही सलामत नयी नय छे. परंतुनको साप्नुवो चपराश घाय, तो ते सामुगुंबदीप शस्त्रास्पे पनीने, नयी गयेला पगडायां पाएीन पोगे डिसामना महोयाडशे. तेथी, सानुपापरपाधी, पणछायांचाएगांगपोनीषिराधिनायी जयपानोमोटोसाल न भणी शडे. जेटले, ने शड्य बने तो, सालुनो पपराश पो. सापां शरीर पर डोर्छ तेनजी मेसिड ढोणाय त्यारे भापही याभडी जणी ाय छे, डा सुहां पड़ी शर्ड छे, मने खतिशय बेहना- पीडा थाथ छे. बस, सामुतुंहीहा पाए डायांग पाटीनांनाएक सोमण शुधोने, जाश डरपा भाटे, तेजजी मेसिऽनुं डामरे छे. छेस्ले, रोकन्रोष्ट सामूनां चपराशने महले, हर र-प-30 हिपसे क, साप्नुनो पपराश थाय, तो पए, ई मंशे जयी शहाय,
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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