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No.
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Date
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पिछलेन्द्रियनी ना त्कृिष्ट मपंगाहुना प्राय:सढी द्वीपनी | महार थतां नुयोनी समरवी. महीं 'प्रायःशष्ट खेटला भाटे हेलो छ डारए :
अंतर्मुहूर्तना मायुष्यवाणा उत्पन्न यतांन्द्र पर योन शरीरयाणा थी, पृथ्वीमा तेवडो भोटो पर योननो) जाडो पडपाधी पामा ग्यवतीनां सैन्यने पा गरछाप डरी हेनारा, मासालि' नतिना
सपने शास्त्रमा उरपरिसर्प भने मतांतरे जेन्द्रिय ऽह्यां छे, तेवां खासालिङ सर्प सढीद्वीपमा संलपे छे. भाटे, “प्रायः सढीठ्ठीपनी बहार म घुछे..
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पंयेन्द्रियानुयोनी उत्कृष्ट अवगाहना: ના૨૬ જાવોની ઉત્કૃષ્ટ અવગાહના : (૧ ધનુષ્ય = ૯૬ અંગુલા) कृष्ट
धन्य पहेली नऊ । धनुध्या संगुला 3 हाच लीनर - पागधनुष्य पर संगुला धनु. ६ संगुल त्रीन नर - उप-धनुष्य
१पाधन. १२ जंगल योधी नरसा धनुष्य
उपमनु पांयमी नरम : १२५ पनुष्य
दुर॥ धनु छडी नरऽ : २५० धनुष्य
परम धनुः सातमी नरऊ - प धनुष्य
पनु मा उत्कृष्ट सपगाहना, मूण वैक्षिय शरीरनी सपेक्षाही छे. उत्तर वैठिय शरीरनी अपेक्षा, सेनाथी भूणथी) ऽजम सपगाहुना नापी. नगाठ काप्या प्रमाणे, धन्य सवगाहना संगुसनो संसष्यातमो लाग प्रमाणे उत्पत्तिना प्रथम समये भावी. परंतु, उत्पन्न थयां जा, धन्य अवगाहना : पहेली नरमा उहाथ मने जीन-सातमी नरामा भूण वैहिय शरीर उरतां सऽधी मापी. उत्तर पैझिय शरीर : द्वारा प्रसंगे देवता, नारडी, तथा सब्धिधारी मनुष्य- तिर्यय पोताना शरीरथी गुईं जी शरीर जनापे ते उत्तर पैसिय शरीर दुहेवाय.
KOKUYO W-N82300