SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 23 नोध: जनेड भतो, गधैयां, थोरडींडां, छागनां डीडां, धान्यनां डीडा, डंथवा, गोलावा, गोज - जांडमां यती धेयणो, गोडजगाय विगेरे खनेड लेहो छे. : 3 यरिन्द्रिय भुवो के भवाने तेथेन्द्रिय भुवो डरतां खेड खांज (यक्षुरिन्द्रिय) अधिङ होय, ते 'यरिन्द्रिय भयो' दुहेवाय. तेनां पींछी, जगा, लभरा, लभरी, तीड, मांजी, डांस, भरछर, इंसारी, जडमांडडी वगेरे खनेड लेहो छे. : पंयेन्द्रिय भुवो के भवाने यउरिन्द्रिय भुवो डरतां जेड डान (श्रीतेन्द्रिय) अधिक होय, ते 'पंयेन्द्रिय भुवो' उहेवाय. पंयेन्द्रिय भुवोनां मुख्य ४ प्रकार छे : (1) नारङ (२) तिर्यय (पशु-पंजी), (3) मनुष्य, (४) हेव 2 સંસારી विडसेन्द्रिय भवो : जेर्धन्द्रिय, तेन्द्रिय खते यरिन्द्रिय भुवने खेडी साथै 'विङलेन्द्रिय' या उडेवामां खावे छे. કારણ हे, तेमने पाय र्धन्द्रियों डरतां खोछी र्धन्द्रियो होय. छे. विडल = खोछी प डरतां खोछी र्धन्द्रियोवाणा भुवोने विकलेन्द्रिय भुवो उहेवाय. .. भुव No. Date खा रीते, सामान्यथी भवानां पांथ प्रडारो तथा तेनां द्रष्टांतो भएयां. त्यारजाह, सालो हुवे, खामगां' 'भुव-विचार ग्रंथ' मां खावतां, भवानां लेह भगवा मारेनी साथी शइखात उरीशु. विश्व मुक्त (सिद्ध) → स्थापर प्रस (मात्र से केन्द्रिय भयो) (जेन्द्रियूथी पंचेन्द्रिय) અનુવ KOKUYO W-N8280U
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy