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________________ (२५४ Date . . गयावयो नहीं, यालु शमयो नहीं. सरसोई जनापतां पहेला, लोट-धान्य यागी मो, बरालर को सो.. * माली पासएगो उधा . माडां भूडी राजो. रेपी तेना यांत पडीने गुंगणार्छ न नय. *पाध पार्थो जीये ढोलाय येराय नहीं, लेनी प्री जगन्न राजो. दोणाय,तो तरतम साइडशे पारंपार पोतुं डरपानो उपयोगरानो * प्रांऽनपन्या भानामतापहेलांग रहाखीनां पहोणी ऊरीने पराप्नर नेर्डसो, तेमां डीडी डेमन्यन्तु तो नधीने ? * धीपार, सारनां ज्याभांडीडीमो यटी पानी संलापना होय छे. तेथी, य्हा उपर रहेल, धम्त्यायोरे डोपिए। पधर्थमा, सीधे-सीधी सारन नांमपी. परंतु धीरे-धीरे तपासीने, न्यापूर्यनेने नामवीथीसंर ने डीडी होय, तो जयी नय रसोडांना न्यूता पर, साटनी खासपास डत्ती लुपांत, यहा पर तपेटीमां पड़े तो भरी जय. तेथी, य्ला पर साटिने गोहपपी. (C) रसोडांनी विशेष नया: यतिथिनां हिपसे उपधान योरेमा, सानोणियानुं शायणीपार पापरयामां पाये छे. तेनां पोटाएामां, वांत थर्छ लय छे. तेथी, मीणां गुडिरीने, जारीडाईथी , बराबर होई सीधा जाह, मांनोगियांनो पियोग डरपो. रसोईसा माटोघाई कायमेटले शंसना मर्नर 6पर उपजांधी घु मे. मेथी, मनरनां डाहाम्रोमा अर्थ अनुपांत पेसी नग्नयःसपारे लगीधी पाथी, पर इरती तुपांतोनी न्यए थाय. परंतु हाणामां घुसी गयेस यांतनुं गुंगतेथी, जनर उपर पहुंच मांधपुं, मे क्यहानी उत्तम प्रडिया छ. पौरमा भने मभरामा पुष्टानुपांत थवानी संलापना छ. तेथी, ते जंगो उपयोग करतां पूर्व, थायणीधी जरामर याणी यां
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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