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________________ No. (223) No. Dale Date . डीडांनो पेच थाय छे मने डीडांयोतो मरघांनो स्वादिष्ट मोराष्ट्र छे. उडडामांपए मरघांनो तो डीडन शोधतां होय छे.' खा सत्य प्रसंग पूरपार हरे छे, डायांही, छाश, धमा होणलगवायी, मसज्य डीडासो पेय थाय छे. (100) नैना मुनिश्री शोलनपित्यासेवार पोत्तानां संसारी मोटांलाई पनपासनां घरे लिङ्कार्थे पधायाँ हता. धनपाल उबारमाथी हीनो टोरो बहार डाढी, मुनिश्रीने पहोशषवां गया. मुनिश्री पृछ्यं रहे धनपालाहीने भाव्यांजा, डेटली रात पसार थर्ड ?'धनपाल हेडे, रातनी-पात नहीने शंऽरशो। माटतुं सरसही छे, तो पहोरी सोः शंतमने सापां सई पास्ता नेपां हीमां पए महावीरनांगापडां हेमाय छे!' शोलनमुनिमे डांडे, हा धनपाल, भाशं लगवाने घुछेडे, ने ही जे रात सोनंगी नय, तो मेमा मसज्य डीडासो पड़ी लय छे. तारे नएघुहोय तो, पग रंगवानो पास डसरनोसलतो सापेछ, ते साप. हींनी उपर तेने ललरापी नेता तने तरतर सई डीडाखो हेना. धनपाले तेम युं, तो तरतर अधुंछी लाल रंगयी रंगाई गयुं, पए संघरनां डीडामोसे डसर पहष्यो नहीं. ये रेड ग्राउन्डमां व्हाईट डीडायो महलह-जमा थतां स्पष्ट हेपायां- नेई शडायां राग लोकनमानीता पंडित धनपालतुं मस्तक प्रलु महापीरन यरोमांसहोलापधीही गथु. मनोर्नु नपषिताना सने माहारपिज्ञाना नहीने मनापंडित पठानधर्मना रंगे रंगाई गयां तेभलो तिलभरी' ठेवा मधुर डाप्यनी स्यनाडरी, के साले पएखापए ज्ञानलंडारोमा उपलब्ध छ. सौना पंडितोले रेन धर्मनां रंगे रंगाया, तो तमे नो शं रैन धर्मनां रो रंगाया नहीं?
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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