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________________ No. Date . . रामलक्ष्याइपे हेला छे. माटे, अरई पापरी शहाय नहीं. जरइनो उपयोग-शनोस्स, श्रीपंड, इटासमा शेरडीनो रस शरबत कोरेमां डरता, ते लक्ष्य यीले पाए सलक्ष्य बनी जय छे,यापरी न शहाय. तेथी, उनागामांसपए परइनो पपराश न ऊरयो. ... जरइनी. नेम साईसझीम, दुपट्टी, पीए, मासवाँटर, खासिन्डी, भीकन पाएी, पेप्सी- छोटड्रींस पोरे पण मलय छे. पणी, खा जर मासिडीम पोरे पेटनी सग्निाभीनो नाश उरे छ, तेथी नहाराजि मंहपडे छे,सने परिहामे, मनेका रोगो सापट माथेयडीजेसे छोटले सामj शरीर सनेह रोशोधी. ग्रस्त जनी जयां शेर यालरो .. . (49) रसपाहियरसमेटोगमय मांस, मान, यरली, मन शरीरनाराहाडामां यतो थीएोधानुसहपाही, घी, तेल, हरेऽ. मतिना मासयो, स्पीरीट, तेज, मुरब्जा, सथागा, रीनाल वगेरे. सापां पहार्थोनो पेपार नोडरी directrडे Indirect रवी नहीं. माधां पार्थो जानती घेणांसाजन्यां माह, तेमांमसंध्य जेन्द्रियाहि समनुपानी उत्पत्ति तथा-विराधनाथाय छे तेथी आपां प्यवसायोमालेडापनासमोनां माथे पए। सा हंऽ लागे छे.. यटित रस प्रश्न: "यलिन रसको प्रशंसायलितम्रसनोमत्याशनाडश्याथी, सापाने यांऽयां नुडसानो पेठवां पडे? :: . वाल: 'यलिता रस'नो त्याग से स्नाननी खेखागवी विशेषता छे. डोई निहारोनी पैज्ञानिहोनी पाए न्हयां नरा.पहोंयी नधी, त्यां प्रल महापीरनी द्रष्टि पहोयी छे. प्रलुमे रमाप्युं छे डे, 'लक्ष्य गणातां डेटलांड पार्यो पए, तेनु मसल स्वरुप, तेनां सारीनुनल स्वार, सूध, स्पर्श सने डलर्सने न्यारे गुमाषी से, त्यारे ते सिलक्ष्य' बनी नय छे. मापां पार्थोनां लसएएमां. जपो तोहएण्य छ, पए। साथोसाथ, मापां शरीरतुं मारोग्य पहा हाय छे. रेभ, भेडिडल इटीमां मनती हयासोनां तेजल पर तेनी मेऽसपायरी डेट छपाय छे, तथा समुछ समय दतां तेहपासोनो . 1
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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