SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 185
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ No. Date . 9 Xन्द्रय यो वन्द्रय लचीलर तक व्याज्या: याभडी मुले मान्द्रियोने धोरण नारा जुयोने "जेन्द्रिय अपो' उहेयाय. मी मात्र होय.(अपर मुख) हात: शंण, डोडा, डोडी, मह, छीप, गंडोला, यो, मणसिया, जाणीया, पोरा , भामएमुंडा, भिया, भातृषाह, पाणा, द्विष्ण, पासी हीमा थनारां जपो पोरे ..... जेन्द्रिय अधोनी जिनलरी विराधिनाथी बयपानां उपायो डेन्द्रियधीयरिन्द्रिय सुधीनां जपो संझिम होपाथी, ते योने उत्पन्न थयां माटे, माता-पिताना संयोगनी ३र नथी रहेती. परंतु, उत्पन्न थपा माटेनुं मनुण लेनहितुं पातापरा भणपा भानथी, तुरंत उत्पन्न थई लय छे. योभासाभां, परसाने खीधे, नापोआप भोटी संध्यामां मणसियां जेन्द्रियायोनी उत्पत्ति थर्छ भय छे. रस्ता उपर यावती पनते., नीये नर्शने ने न चलाय, तो या गुपो पग नीये ज्यडाईने मरी लय छे. तेथी, जीये नेने यापपुंन्मनेशय जने तो, योभासामा स्कुटर , रीक्षा, गाडी पगेरे पाहनोनो - पपराश न उरयो. डारहाडे, सा पाहनोनी नीये पणु, घौं अगसियां ड्यंडाने भरी तां नेपा मगे छ.. माने जनरभां ने शन, डोडा, छोडी वगेरे जेवा मणे छे, तेलिप' स्परपे नथी. परंतु, बेन्द्रिय उपे रहेस रांण, डोडा, ऑडीनांतुषोनांसेपर पेश होय छे. शथी पोतानो जयाप रपां माटे, डायनाने सुरक्षा उपय३पे, हना लागा पड, सुरत तरथी लेट पे रेम भगे छे, तेम शंमाहिनां जयोने पए, सुरक्षा उपभगेछे. सापानेले शप्पाहि नगर सामे हेपाय छे, तेनी साये, मांसना अटळ स्परपे पडायेस होय छे. शत्रुथी न्यारे लय लागे, त्यारे शंघाहिना पो, पोतानां नानां शरीरने संडोयीने शंजाहिनी नीये छुधावीनेस्थिर थर्ड जय. शत्रुनो लय हर थवाी , श्री पार्छ, पोताना शरीर, लाग उियुडरीने, धीरे-धीरे., यासपा भाउ छे. हरिया डिनारे सथपा, पधु पडता लेलवाणां स्थणोमा उत्पन्न थनारांना शंज, डोडा, ओडी साहिन्द्रिय गुपो, पा नीये मापीने ज्यडाईन जय, तेनी ठाणशु देवी नेई. ते उपरांतभा, घर माहिने सभवयां भाटे (decoration), KOKUYO W-NB2B0U
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy