SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 155
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ No. Date ૧૫૧ . निगोहनां खसंज्य गोजा होय छे, तेनां हरेक गोजामां, असंख्य निगोष्टी (शरीर) होय छे रखने ते हरेश निगोहमां (शरीरमा), रजनंत-जनंत भुवो होटा है, ★ सवाल :- खाने धाए जनैनों, रैनोने संलजाये छेडे नमें रामेटां, लीडा, टोडोजा वगेरे मे वायरो छो, तो र, भूजा, जायं जावामां शो यांधी छे? खातो जेय वनस्पति: उठेलाय, से! जवाय तो जीव ऐभ न जवाय? जावो प्रश्न चूछाय त्यारे खज्ञान कैनो भूळवारामा भूकमर्थ भय के हवे खानो बवाज शुं खावशे? ★ धान ना, जामां भूळवानी अर्ध नर नथी, जन्मे वनस्पति होवा छतांय जन्नेभो, खाल गान अंतर है, सेड वनस्पतिने 'साधाराण- अनंतडाय-हमज रहेवाय के बारे जीभ वनस्पतिने 'प्रत्येक उहेलाय हे में वनस्पतिखोने नंत इंहभूज गागुवामां खाते हे, तेमां भवो खोट खोइ होय के. धनशैलीट - अनंत होय हे गाड्यां गागी न शब्ाय कोधे पाडा मां तेनो भवन आापी न शडाय, खेटलो विराट भव भयो राजनंताय गएपती वनस्पतिनां खेक सुक्ष्म चोथेन्ट पर रहेलो छे जटेटानां खेड पोर्धन्टने सोचनी खाडीथी टथ दुरीको नेटली यामां अपना खसंज्य शरीरो रहेजा छे, खने ते असंख्य शरीरोमांशी, हरेक शरीरमां पाठां, अनंत भवो रहेलां थे से होधे भेलुङ द्वारा, माप्त जेड ४. शरीरमा रहेलां रजनंत भवाने, डजूनर ठेवडां भोटां एरीने खाडाशमां उडाडी हेवामां आवे तो, खाणुं वर्ल्ड रजा अवोधी थिडअर उलराधे छत भोटमा रहेस भवने संपूर्णतया जाली डरी शातां नथी. हते नमे सोयो। भे खेड शरीरमां सारसां अधां भवो होटा तो, सोय नी जागी तो तो जीनं असंख्य शरीरो छे! खेड राजां जटेटामां शरीरो डेटला? खोह ! 100 ग्राम जटेटामां ر
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy